Wednesday 18 April 2018

"द हट लांच फॅमिली रेस्टुरेंट बाये पाल ढाबा" के नाम से जीरकपुर में ओपन हुई पाल ढाबा की तीसरी ब्रांच


By Tricity News
Chandigarh 18th April:- चंडीगढ़ के मशहूर पाल ढाबा ने अपनी रेस्टारेंट श्रृंखला का विस्तार करते हुए जीरकपुर नेशनल हाईवे पर अपने तीसरे ढाबे का शुभारम्भ किया।
पाल ढाबा के ओनर मोहिंदर सिंह ने बताया की आज अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर पाल ढाबा के तीसरे आउटलेट की शुरुआत करते हुए बेहद ही प्रसन्नता हो रही है उन्होंने बताया की  ( हट लांच फॅमिली रेस्टुरेंट बाये पाल ढाबा) नामक इस आउटलेट पर खाने के शौक़ीन लोगों को वही कहने का स्वाद मिलेगा जो वो बरसो से सेक्टर २८ के पाल ढाबा पर चखते रहे है
उन्होंने आगे बताया की सन 1960 से अपने खाने के स्वाद को बनाये रखे इस पाल ढाबे ने पिछले 58 साल से ट्राई सिटी ही नहीं बॉलीवुड, पॉलीवूड और टॉलीवूड के सभी नामी एक्टर और एक्ट्रेस को अपने खाने का स्वाद चखाया है, चाहे वो बटर चिकन हो, मट्टन व् कीमा हो या स्पेशल दाल मखनी हो।  चंडीगढ़ में आया हुआ कोई भी सेलिब्रिटी पाल ढाबा का खाना खाये बिना खाली नही गया है।  आज इसी स्वाद को बनाये पाल ढाबे ने लाइव म्यूजिक, ओपन एरिया फील और गार्डन विद फाउंटेन के साथ पाल ढाबा के तीसरे ढाबे की शुरुआत की है   उन्होंने बताया की चंडीगढ़ पाल ढाबा सेक्टर 28, पंचकूला सेक्टर 20 के बाद अब जीरकपुर में पाल ढाबा की तीसरी ब्रांच ओपन की है।  जिसका कारण लोगो में बढ़ती पाल ढाबे की डिमांड है उन्होंने बताया की लोगो की डिमांड पर इस बार वे अपने ढाबे पर लाइव म्यूजिक, ओपन एरिया फील और गार्डन विद फाउंटेन एक डिफरेंट कांसेप्ट लेकर आये है, यहाँ लोगो को फार्म हाउस वाली फीलिंग आएगी उन्होंने साथ ही बताया की पाल ढाबे की स्पेशलिटी उनके खुद के बनाये मसाले है।
उन्होंने बताया की स्वर्गीय अशोक कुमार जी द्वारा सन 1960 में 22 सेक्टर की शास्त्री मार्किट में रेहड़ी लगा कर खाना खिलाने की शुरुआत की गयी क्योकि लोगो को अशोक कुमार जी की फ़ूड रेसेपी इतनी पसंद आयी की उनका बनाया चिकन या मटन हाथो हाथ बिक जाता था। इसलिए उन्होंने अपना पहला सेटअप सेक्टर 28 में पाल ढाबा के नाम से सन 1971 में किया।  स्वर्गीय अशोक कुमार जी के बेटे महिंदर सिंह ने 10 साल की उम्र से ही खाने की रेसिपी सीखनी शुरू कर दी और आज महिंदर सिंह 66 साल के हो चले है लेकिन उनके पाल ढाबे के खाने का स्वाद अब भी वैसा ही है जो उनके पिता जी बनाया करते थे
मोहिंदर सिंह ने बताया कि आज तक हमने अपने ढाबे को कभी पगड़ी ( लीज) पर नही दिया। क्योंकि हमारे खाने के स्वाद का मैच किसी और ढाबे पर ही नही सकता। इसलिए अपने ढाबे के कुक को वो खुद ट्रेनिंगदेते है ताकि 58 साल वाला वही स्वाद हर आउटलेट में बना रहे।
उनके अनुसार अगर नॉन वेज की बात करे तो पाल ढाबे की स्पेशलिटी बटर चिकन, मट्टन, कीमा, रोगन जोश है। वही वेज फ़ूड में दाल मखनी, शाही पनीर और पनीर बटर मसाला खासियत है। वही विंटर सीजन में साग और मक्की की रोटी खासियत है। इतना ही नही यहाँ पर स्पेशल गुड़ के लडडू तैयार किये जाते है जो हर सुबह हाथो हाथो बिक जाते है।
महिंदर सिंह ने बताया की उनके बेटे गुरमीत सिंह अब पाल ढाबे को अलग लेवल पर पहुचायेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान गुरमीत सिंह ने बताया कि आज यूथ की डिमांड है, लाइव म्यूजिक और स्नैक्स में ज्यादा से ज्यादा वैरायटी होना। ऐसे में ये उन्ही का आईडिया था कि इस ढाबे का नाम थोड़ा युथ ओरिएंटेड हो और लाइव म्यूजिक कांसेप्ट भी खोल जाए।