Wednesday 17 February 2021

SONY SAB TV: On Public Demand- Jijaji Chhat Parr Series Back on Sony SAB

Tricitynews Reporter

Chandigarh Feb. 17, 2021:- Sony SAB is all set to bring back one of their most quirky and funny shows but this time with a hint of mystery. Bringing back everyone’s beloved characters with its comic madness is Jijaji Chhat Parr Koii Hai, which is set to grace your television screens soon.

With a fresh storyline and unique characters, the show will take the viewers to Delhi’s Punjabi Bagh  into the world of Jindals and Jaldirams. Based on an age-old property dispute between the Jindal and Jaldiram families, the show brings a twist with an element of mystery that dwells in this ancestral property. Another point of conflict are the two families’ respective businesses, that of Jaldiram’s sweet shop and Jindal’s garage which have an outlet next to each other in the front yard of the house.

Taking the viewers through the laughter riot and adding to the show's quirk and madness is stunning Hiba Nawab, to be seen as Jaldiram’s daughter CP (short for Connaught Place), Sony SAB’s new Jijaji aka Jitendra Jamvant Jindal will played by dashing Shubhashish Jha. The traditional favourites too comeback with this Jijaji franchise with Anup Upadhyay, to be seen as Jaldiram, the proud owner of Jaldiram Sweets, the bubbly yet cheeky Soma Rathod, to be seen as Jaldiram’s wife Sofia, contesting for Jaldiram as their lawyer and Sofia’s brother, Chakral will be Firoz Khan and immensely charming Raashi Bawa as a Sunita, waitress in Jaldiram sweets. The star cast will be graced by some new faces such as Jitu Shivhare as Nanhe, Jijaji’s father, Sucheta Khanna as Bijlidevi aka Jijaji’s mother and Vipin as Gulzar, as Jindal’s  adopted son and Jijaji’s best friend, fighting the case for the Jindals will be father-son duo Dhyanchand and Vigyanchand, to be played by Nagin Wadel and Sumit Arora respectively.

कई बार गर्भपात और हार्ट वेसल स्टेंटिंग के बावजूद महिला ने फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में बच्ची को जन्म दिया

Tricitynews Reporter

Chandigarh Feb. 17, 2021:- चुन्नी कलां, फतेहगढ़ निवासी 40 साल की जसविंदर कौर ने एक के बाद एक चार बार लगातार गर्भपात और एक हार्ट वेसल स्टेंटिंग के बावजूद फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में सफलतापूर्वक एक बच्ची को जन्म दिया है। 

डॉ.स्वप्ना मिसरा, डायरेक्टर, ऑबस्टे्रटिक्स एंड गाइनोकॉलोजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने इस मौके पर कहा कि यह कई ऐसे मामलों में से एक है जिसे हम फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में नियमित रूप से देखते हैं। बच्चे को जन्म देने जा रही माताओं को यह समझने की आवश्यकता है कि गर्भावस्था के दौरान उनको  बहुत सी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है और इस तरह के अत्याधुनिक बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एक मल्टीस्पेशलिटी सेंटर होना, एक सफल प्रसव के लिए महत्वपूर्ण है। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली, जन्म देने जा रही मां के आहार-विहार पर बारीकी से नजर रखता है। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की सर्जीकल प्रक्रियाओं को अपनाने से पहले उनके खानपान के तरीके और अन्य कई पहलुओं को भी ध्यान में रखा जाता है।

डॉ.स्वप्ना मिसरा ने आगे कहा कि एक मरीज को केवल प्रसव और प्रसव में क्लिीनिकल केयर बल्कि व्यक्तिगत देखभाल भी देखनी चाहिए। बच्चे को जन्म देने जा रही माताओं के लिए जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कई अन्य समस्याओं, समय से पूर्व प्रसवदर्द या अन्य स्वास्थ्य परिस्थितियां हैं जो गर्भधारण को और अधिक मेडिकल तौर पर प्रबंधित करती हैं, को एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में ही बच्चे को जन्म देना चाहिए। यदि गर्भावस्था अच्छी तरह से नियोजित है और रोगी को समय पर लाया जाता है, तो उन्हें किसी भी मुश्किल हालात से गुजरने की आवश्यकता नहीं है और वे सफलतापूर्वक एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।

उन्होंने भरोसा दिया कि आगे भी ऐसे प्रसवों में बेहतरीन सफलता दर को बनाए रखा जाएगा और उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में बेहतरीन हेल्थकेयर एक्सीलेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डॉ.स्वप्ना मिसरा ने कहा कि श्रीमती जसविंदर कौर एक बेहद उच्च जोखिम वाली मरीज थी। किसी भी सर्जरी से उनको और उनके बच्चे को काफी अधिक जोखिम हो सकता था। वे पहले से ही 40 साल की हो चुकी थीं और यह देखते हुए कि 30 वर्ष की आयु तक, प्रजनन क्षमता (गर्भवती होने की क्षमता) में कमी आना शुरू हो जाती है। यह गिरावट 30 के मध्य में एक बार और तेज हो जाती है। 45 तक, प्रजनन क्षमता में इतनी गिरावट जाती है कि स्वाभाविक रूप से गर्भवती होना ज्यादातर महिलाओं के लिए संभव नहीं रह जाता है।

डॉ.स्वप्ना मिसरा ने कहा कि 2014 में उन्हें पहले से ही दिल का दौरा पड़ चुका था, जिसके लिए उन्हें हार्ट स्टेंटिंग / एंजियोप्लास्टी हुई थी। इसके अलावा वे मधुमेह, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर), अस्थमा, मोटापे से भी पीड़ित हैं और दिल की बीमारियों का पारिवारिक इतिहास रहा है, जिसमें उनकी मां की हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हो गई थी और उनके पिता भी दिल के रोग से पीड़ित हैं।

मीडिया से बात करते हुए, मरीज जसविंदर ने कहा कि 2007 में, मैंने अपने पहले बच्चे को गर्भावस्था के 8 वें महीने में उच्च रक्तचाप के कारण खो दिया था और उसके बाद, 2009 और 2010 में मुझे लगातार 2 बार गर्भपात हुआ था। उस समय मैं अपनी जिंदगी में काफी निराश हो गई थी। बाद में, 2014 में, मुझे दिल की धमनियों में ब्लॉकेज का पता चला, जिसके कारण दिल के दौरे के लक्षण भी सामने आए। उस समय फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में ही मेरी हार्ट वेसल स्टेंटिंग सर्जरी भी हुई, जो कि पूरी तरह से सफल रही।

उन्होंने बताया कि जिंदगी के उस मोड़ पर, मैंने फिर से अपने गृहनगर में गर्भावस्था की योजना बनाई लेकिन उच्च रक्तचाप के कारण गर्भावस्था के 8वें महीने में फिर से अपने बच्चे को खो दिया। एक बार फिर से हमने माता-पिता होने की सारी उम्मीदें खो दी थीं। तब किसी ने हमें फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में डॉ. स्वप्ना मिसरा के बारे में बताया और उनसे मिलने की सलाह दी। हमने उनका समय लिया और फोर्टिस में उनसे मुलाकात की। मैंने अपनी सारी समस्याएं और अपनी स्थिति उनको बताई और ये भी बताया कि मुझे अपने एक बच्चे की इच्छा है और उसे मैंने किसी भी तरह से पूरा करना है। उन्होंने मेरे को समझाया कि मेरा और बच्चे का जीवन खतरे में होगा लेकिन हां हम सख्त और नियमित मेडिकल देखरेख के तहत एक मौका ले सकते हैं और अंत में मैंने गर्भधारण कर सफलतापूर्वक अपने बेटी को जन्म दिया।