Saturday, 11 January 2020

डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर ने पूर्व मेयर राजेश कालिया और निगम कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा


By Tricitynews
Chandigarh, 11th Jan,2020 :- डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर, यूनियन चंडीगढ़(रजिस्टरड) ने चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व मेयर राजेश कालिया और निगम कमिश्नर के के यादव सहित ओमप्रकाश सैनी पर उनका रोज़गार छीनने और उन्हें भूखा मरने के लिए छोड़ने के आरोप लगाए है।उनकी यूनियन राष्ट्रीय सफाई मजदूर कांग्रेस के अधीन मान्यताप्राप्त है
यूनियन के प्रेजिडेंट शमशेर लोहटिया, पप्पू कुमार जनरल सेक्रेटरी और सलाहकार दिलबाग टांक सहित ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की चंडीगढ़ शहर में गारबेज कलेक्टर पिछले 35 सालों से घर घर जाकर कूड़ा कर्कट इकठा करते है। एक सेक्टर में तकरीबन 40 गारबेज कलेक्टर है और उस हिसाब से शहर भर में लगभग 4000-5000 गारबेज कलेक्टर है। वो लोग गारबेज इकठ्ठा कर मकान निवासियों से पेमेंट लेते है ,कईयों का तो इसमें परिवार भी शामिल है ।इन सभी के परिवार का भरण पोषण इसी से चलता है ।लेकिन नगर निगम के पूर्व मेयर राजेश कालिया ने ओमप्रकाश सैनी के सहयोग से नगर निगम कमिश्नर के साथ मिल कर 07/12/2019 को अंदरखाते एक मेमोरंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग साइन कर लिया, इस एम यू को नगर निगम सदन की बैठक में 13/12/2019 की पास किया गया।इस के विरोध में यूनियन द्वारा नगर निगम कार्यालय के सामने कई बार रोष प्रदर्शन भी किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि वो नगर निगम की किसी भी नीति से सहमत नही है।क्योंकि इस एम यू से गार्बेज कलेक्शन का काम कर रहे साथी भाईओं का अहित शोषण होगा शमशेर लोहटिया ने बताया कि  इस एम यू के तहत डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन का काम उनके हाथो में जायेगा, कूड़ा कर्कट उनके आदमी इकट्ठा करते और वो इसका लोगों से अच्छा ख़ासा पैसा वसूलते ।जो लोग अभी इस कूड़ा कर्कट को देने के 100 रूपए देते है, इनके अनुसार अब लोगों को 500 रूपए देने होंगे। राजेश कालिया और बाकियों ने लोगों की जेब पर भारी भरकम बोझ डालने की पूरी तैयारी कर ली है।इन्होने लोगों से तो 500 रूपए ही वसूलने है, पर गारबेज कलेक्टर को 100 रूपए ही पे करने है, बाकी 400 तो इनके हिस्से में आते पुरे शहर से कलेक्शन का हिसाब लगाया जाये तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि एक महीने में उन्हें कितना पैसा कमाएंगे और पुरे साल कितना
शमशेर लोहटिया ने कहा कि राजेश कालिया उनके समाज का होने के बाबजूद भी उनके साथ धक्का कर रहा है, उन्हें बेरोजगार और भूखों मारने पर आमादा है। समाज का होने के बाबजूद भी वो समाज का भला नहीं चाहता। वो भूल रहा है कि इसी समाज ने उसे पहले नगर निगम पार्षद बनाया और फिर मेयर कि कुर्सी तक पहुँचाया। वाल्मीकि समाज ने इसका आपराधिक रिकॉर्ड होने के बाबजूद भी इसे मान सम्मान दिया।
उन्होंने कहा कि वो सब पिछले लगभग एक महीने से नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे है, जब तक उन्हें इन्साफ नहीं मिल जाता,तब तक उनका रोष प्रदर्शन जारी रहेगा। अपनी शिकायत को वो डिप्टी कमिश्नर, प्रशासक के सलाहकार और प्रशासक को दर्ज़ करवा चुके है अगर आवश्यकता पड़ी तो वो इस मामले को लेकर जिला अदालत का दरवाज़ा भी खटखटाएंगे और राजेश कालिया भविष्य जिस किसी भी कार्यक्रम में जायेगा वह उसका वहिष्कार करेंगे। उन्होंने आशंका जताई कि राजेश कालिया अपनी राजनैतिक ताकत का इस्तेमाल कर उनके शांतिपूर्वक चल रहे प्रदर्शन को रुकवाने और दबाने की कोशिश करेगा और साथ ही उनके आदमियों को डरा धमका भी सकता है। अगर उनके सदस्यों को  कुछ  हो जाता है उसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से राजेश कालिया की होगी
उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि जिस प्रकार से वो करते आये है, उसी प्रकार से करने दिया जाए, जिस तरह से गारबेज कलेक्टर अपने काम का प्रति महीना घरों से पैसा इकट्ठा करते आये है वैसे ही करने दिया जाए। वो गीला और सूखा कचरा भी अलग अलग करके देने के लिए तैयार है और देते भी रहे है। वो वेस्ट चीजें गार्बेज से निकलती है और बेचने योग्य होती है, उन्हें वो खुद ही बेचेंगे।हम लोग अपने स्तर पर ही रेहड़ी या रिक्शा भी खरीदने के लिए तैयार है। और जो स्थान गीला और सूखा कचरा पहुंचाने के लिए निर्धारित होगा, वही पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ शहर साफ सुथरा रहे, इसके लिए वो पूरा योगदान देने को तैयार है।लेकिन नगर निगम के अधीन होने पर उनका शोषण होगा, उसके लिए वो तैयार नही है। पुनः विरोध प्रदर्शन कर हडताल पर जाने के लिए भी गारबेज कलेक्टर तैयार है।

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