By Tricitynews Reporter
Chandigarh 31st
July:- आज कड़वे प्रवचनों के दूसरे दिन प्रख्यात क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागर जी महाराज के कड़वे प्रवचनों को सुनने के लिए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल महामहिम बलरामजी दास टंडन पहुंचे हुए थे | इनके अतिरिक्त उनके कड़वे प्रवचनों को सुनने हेतु जैन समुदाय एवं ट्राइसिटी की जनता की भीड़ उमड़ पड़ी | विशाल वातानुकूलित पंडाल भी छोटा पड़ गया और लोगों को खड़े रह कर प्रवचन सुनने पड़े | इस दौरान भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रभारी संजय टंडन बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे एवं मुनिश्री जी का आशिरवाद प्राप्त किया | कड़वे प्रवचनों की शुरुआत मुनिश्री जी ने मंत्रोचारण से की |
मुनिश्री तरुणसागर जी महाराज ने अपने कड़वे प्रवचनों से आई सांगत को भाग्य की परिभाषा समझाई | उन्होंने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए संत का आगमन भाग्य है, संत के प्रवचन सौभाग्य है, संत के दर्शन अहोभाग्य है, संत का मन वासन महाभाग्य है | परन्तु संत आएं फिर भी हम कोरे के कोरे रह जाएँ यह हमारा दुर्भाग्य है | उनके अनुसार जिस व्यक्ति के पास धन, स्वास्थ्य और संस्कार तीनो हैं वह व्यक्ति भाग्यशाली है | उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में जीते हुए सिमरन करते रहना चाहिए | महावीर स्वामी जी ने कहा है कि अपना किया कर्म देर सावेर सही सामने अवश्य आता है
| यदि जीवन को स्वर्ग बनाना है तो अपने मात पिता को अपने पास अपने साथ रखो | उन्होंने अपने कड़वे प्रवचनों में बताया की भगवान आपको याद करे उससे पहले भगवान् को याद कर लेना चाहिए |
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि कड़वे प्रवचनों को करने वाले इस संसार में बहुत कम संत हैं परंतु कड़वे प्रवचनों द्वारा श्रद्धालुओं को निहाल करने का श्रेय एकमात्र क्रन्तिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज को जाता है | सर्वप्रथम कड़वे प्रवचनों की किताब पढ़ कर महैरान था कि जीवन के सत्य को मुनिश्री जी ने कितने स्पष्टता से लिखा हुआ है एवं चंडीगढ़ वासी होने के नाते धन्यवादी हूँ कि अपने कड़वे प्रवचनों कि अमृत वर्षा के लिए मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज चंडीगढ़ पधारें हैं |
चातुर्मास समिति के प्रधान धर्म बहादुर जैन, महामंत्री कैलाश जैन और दिगंबर जैन सोसायटी के प्रधान नवरतन जैन के अनुसार इस अवसर पर दिगम्बर जैन मंदिर के सामने रामलीला ग्राउंड में मुनिश्री जी महाराज के कड़वे प्रवचनों के दौरान विशेष पहली बार स्वचालित आसान तैयार किया गया था जिस पर बैठ कर मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज कड़वे प्रवचनों से आये हुए श्रद्धालुओं को समझाते हैं | इस बार विशेषतः श्रद्धालुओं के लिए वातानुकूलित पंडाल का इंतज़ाम किया गया है |
उन्होंने बताया कि मुनिश्री तरुणसागर जी महाराज के दर्शनों के लिए दिगंबर जैन मंदिर में श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है | मंदिर में रोज़ाना शाम 6 बजे से तनाव मुक्ति का अभिनव प्रयोग आनंद यात्रा का कार्यक्रम होता है | जिसमें श्रद्धालुओं को नाभि से उठने वाली हंसी राज बताते है | कार्यक्रम का सीधा प्रसारण जिनवाणी चेनल से होता है | इस कार्यक्रम में मुनिश्री तरुण सागर जी हँसते मुस्कराते श्रद्धालुओं को आनंद विभोर करते हैं |
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