Saturday 19 November 2016

कायर हैं कैप्टन-राजनीति के लिए नशा माफिया के हाथों बिक गए:जगमीत बराड़

By Tricitynews Reporter
Chandigarh 19th November:- पूर्व अकाली मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके नशा माफिया के साथ संबंधों को लेकर उठे विवाद में पूर्व सांसद प्रमुख आप समर्थक जगमीत सिंह बराड़ ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पर बरसते हुए कहा है कि हाथ में श्री गुटका साहिब लेकर पंजाब के सभी नशा तस्करों को सजा देने की शपथ लेने वाला यही व्यक्ति अब पंजाब में नामी नशा तस्करों में से एक के गले में फूलमालाएं डाल रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने मजीठिया को सी.बी.आई जांच से बचाया, उन्होंने अदालत में भोला के केस को खत्म होने दिया और अब खुलेआम नशा तस्करों को गले लगा रहे हैं।
जगमीत सिंह बराड़ ने कैप्टन पर बरसते हुए कहा कि कैप्टन ने 1984 केस में टाईटलर कमल नाथ को क्लीन चिट दे दी थी, और अब वह बेशर्मीपूर्वक फिल्लौर को भी एक अन्य क्लीन चिट दे रहे हैं। जबकि उन्होंने अपने हाथ में श्री गुटका साहिब रखकर नशों के खिलाफ लडऩे की शपथ ली और अब उन्होंने श्री गुटका साहिब छोड़कर अपने प्रचार के लिए नशों के पैसों को ले लिया है। कैप्टन राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।
उन्होंने एस.वाई.एल मुद्दे पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के इस्तीफे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि पहले वह पटियाला से अपनी विधायक की सीट से भाग गए और बतौर सांसद अमृतसर के लोगों को धोखा दिया, जिन्होंने कभी भी लोकसभा में कदम नहीं रखा। उनका मात्र 3 प्रतिशत हाजिरी का रिकॉर्ड है। उन्होंने अपना इस्तीफा ईमेल कर दिया, क्योंकि यदि वह खुद स्पीकर के पास जाएंगे, तो वह उन्हें पहचानेंगी नहीं। उस पद से इस्तीफे का क्या अर्थ है, जिस पर उन्होंने कभी काम ही नहीं किया। वह उन्हें चुनौती देते हैं कि वह दिखाएं, जब उन्होंने एक बार भी संसद में पंजाब के बारे बोला हो, उन्होंने दिल्ली में एस.वाई.एल का जिक्र भी नहीं किया? वह खानदारी धोखेबाज ने... इस्तीफा ओह देवे जिहनां इक दिन वी कोई कम्म कीता होवे.. इह मुसीबत वेले मैदान छड्ड के दौड़ जांदा है।

एस.वाई.एल की इस हार के लिए कांग्रेस अकालियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्यों सरकार ने बेहतर कानूनी पक्ष नहीं रखा? हरियाणा ने सर्वोत्तम वकीलों को चुना और इन्होंने चोटाला द्वारा दिए वकील को चुना। क्यों कैप्टन ने सभी विधायकों से इस्तीफा दिलाया। बेहतर होता यदि सभी मौजूदा विधायक सांसदा राष्ट्रपति के पास जाते। क्यों बाजवा, दूलो, बिट्टू या अंबिका सोनी ने इस्तीफा नहीं दिया?

1 comment:

Bhavesh Sharma said...

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