Friday 11 May 2018

जब किसी जरूरतमंद को खून की जरूरत होती है तो क्या खून देने वाले से पूछा जाता है तेरी जात क्या है: जगतगुरु पंचानंद गिरी


By Tricitynews
Chandigarh 10th May:- देश की जनता से पूछा की जब किसी जरूरतमंद को खून की जरूरत होती है तो क्या उस वक्त खून दान करने वाले से उसकी जात बारे पूछा जाता है क्योंकि उस वक्त आदमी अपनी जिन्दगी बचाने की सोचता है उपरोक्त शब्द श्री हिन्दू तख़्त के धर्माधीश एवं श्रीकाली माता मंदिर एवं श्री कामाख्या देवी असम के पीठाधीश्वर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अनंत विभूषित जगतगुरु पंचानंद गिरी ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहे l इस अवसर पर श्री हिन्दू तख़्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य,पंजाब प्रचारक वरुण मेहता,बब्बी बॉक्सर,राजेश केहर,हरकीरत खुराना,ऋषि जैन,हैप्पी लोट,विनती गिरी,विक्की,कुलवंत सिंह मानकपुर,सुभाष मेहता,स्वतंत्र पासी,मोनिका शर्मा,अशोक तिवारी,मनोज कपूर,रोहित बंसल सहित श्री हिन्दू तख़्त हिन्दू सुरक्षा समिति आल इंडिया हिन्दू स्टूडेंट फेडरेशन के पदाधिकारी मौजूद थे
जूना अखाड़ा के महामंलेश्वर जगतगुरु पंचानंद गिरी ने कहा की देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सफाई अभियान को लेकर फोटो सेशन ज्यादा होता है जबकि धरातल पर सच्चाई इससे कोसों दूर है उन्होंने कहा की यदि दलित समाज के बच्चे सीवरेज साफ़ करें तो पता नहीं कितनी बीमारियाँ समाज में फ़ैल सकती है साथ ही गिरी ने कहा एक सफाई कर्मचारी शराब पीकर सीवरेज की सफाई करता है क्योंकि सीवरेज से ऐसी गैन्सें निकलती है जो जानलेवा होता है शराब के नशे के कारण सीवरेज साफ़ करते है जबकि असली स्वच्छता अभियान दलितों द्वारा चलाया जा रहा है l जगतगुरु पंचानंद गिरी ने पीएम मोदी से मांग की जो दलित बच्चे यह सफाई करते है उन्हें सफाई कमांडो का नाम दिया जाए सीवरेज साफ़ करने के लिए इन्हें सफाई रक्षक किट दी जाए ताकि सफाई के वक्त शारीरिक नुकसान ना पहुँच सके जगतगुरु पंचानंद गिरी ने इस बारे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय माँगा और कहा की वह पूरे देश में जात-पात का जहर खत्म करेंगे और हर हिन्दू मंदिर में महर्षि वाल्मीकि संत रविदास की मुर्तिया लगायेंगे उन्होंने कहा की इसकी शुरुआत श्री हिन्दू तख़्त श्रीकाली माता मंदिर पटियाला से करेगा l    
श्री हिंदू तख्त के धर्माधीश जगतगुरु पंचानंद गिरी महाराज ने कहा कि समाज में जातपात का जहर घोलने वाले समाज देश विरोधी हैंमहार्षि वाल्मीकि संत रविदास सनातनी हैं। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि आज भी समाज में इनकी मूर्तियों को लेकर विवाद किया जाता है। उन्होंने कहा कि कभी सनातनी समाज ने कभी भी साई की मूर्ति का विरोध नहीं किया, लेकिन भगवान वाल्मीकि जिन्होंने रामायण होने से पहले रामायण लिख दी यह ही नहीं माता सीता ने लवकुश को जन्म दिया उनका पालन पोषण किया, उस महार्षि वाल्मीकि की मूर्ति का विरोध क्यों किया जा रहा है जगतगुरु पंचानंद गिरी ने कहा की जिस संत रविदास ने पूरी जिंदगी मां गंगा की पूजा की और गंगा के दर्शन किए वह दोनों संत महार्षि वाल्मीकि संत रविदास दोनों ही पूजनीय हैं और दोनों की मूर्ति का कहीं भी लगने पर विरोध नहीं करना चाहिए
श्री हिंदू तख्त के धर्माधीश देश में आतंकवाद के खिलाफ बेखौफ होकर लड़ने वाले जगतगुरु पंचानंद गिरी महाराज ने कहा कि हम हिंदू बड़े गर्व से कहते हैं कि कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन यह भूल जाते हैं कि भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाए थे उन्होंने कहा कि भगवान ने अढ़ाई जात बनाई,नर नारी किन्नर बनाये बाकी समाज में जातपात का भेदभाव हमने पैदा किया
पंचानंद गिरी ने कहा कि कुछ समय पहले मनु व्यक्ति हुआ, जिसने काम के मुताबिक जात बांटी सफाई कर रहा शुद्र, लड़ाई कर रहा क्षत्रिय,ज्ञान बांट रहा ब्राह्मण लेकिन कुछ राजनेताओं ने राजनीति रोटी सेकने के लिए जातपात छुआ-छुत का खेल खड़ा कर दिया जिससे पूरा देश का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि संत समाज के 13 अखाड़ों ने प्रस्ताव पारित किया कि संत समाज किसी जातपात को जगह नहीं देगा उन्होंने श्री हिंदू तख्त के देश के तमाम प्रचारकों से आह्वान किया कि वह देश के कौने कौने में जाकर जातपात की छुआ छूत के भेदभाव को मिटाए और समाज को बताएं कि संत रविदास महार्षि वाल्मीकि सनातनी हैं  
पंचानंद गिरी ने कहा कि हिंदू समाज जात-पात में बंटा है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमें हिंदू धर्म के लिए कार्य करना होगा क्योंकि हिंदुओं का कोई राजनैतिक दल नहीं है इसी के चलते पूरे राष्ट्र में हिंदुओं का शोषण उत्पीड़न हो रहा है उन्होंने समाज में फैले जातपात और छुआछूत की आलोचना की और  कहा कि दलित हमारे शरीर का अंग हैं कहा सोचो अगर शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर देगा तो क्या होगा। उन्होंने रामलीला मंचन कराने वालों को भी संदेश दिया कि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की पूजा करना भी पाप के सामान है। उन्होंने हिंदुओं से एकजुट का आह्वान करते हुए युवा पीढ़ी से धर्म के प्रति जुड़ने का भी संदेश दिया
पंचानंद गिरी ने बताया कि उन्होंने प्रयास से संत समाज के सभी 13 अखाड़ों में अनुसूचित जाति समाज के लोगों को शामिल करने का प्रस्ताव पास करवाया है। इस अभियान में उन्होंने 'जातपात मिटाएंगे, नई क्रांति लाएंगे' 'जात-पात की बेड़िया तोड़ो,हिन्दू तख़्त से नाता जोड़ो' 'जात-पात मिटायेंगे,सनातन को बचायेंगे' का नारा देते हुए कहा कि वह कई वर्षों से अनुसूचित सनातनी बच्चों को सनातन धर्म में शामिल करने के प्रयास कर रहे थे जिसे अब सभी 13 अखाड़ों ने मानते हुए प्रस्ताव पास किया है और इसके तहत अखाड़ा परिषद ने  इतिहास में पहली बार किसी दलित समुदाय से आने वाले संत कन्हैया प्रभु नंद गिरी को महामंडलेश्वर की पदवी दी l


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