By 121 News
Chandigarh 28th
July:- भारत में लिवर के रोगों का दायरा बढ़ रहा है और लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर का सबसे प्रमुख कारण हैपटाइटिस बी और सी हैं। इस वर्ष डब्ल्यूएचओ का हैपटाइटिस दिवस के लिए थीम ‘नो हैप’ है, ताकि साल 2030 तक हैपटाइटिस बी और सी को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।
यह बात विश्व हैपटाइटिस दिवस पर वीरवार को मरीजों के साथ आए तीमारदारों के लिए आयोजित एक टॉक में फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी के डायरेक्टर डॉ.अरविंद साहनी ने कही। उन्होंने कहा कि ‘नो हैप’ थीम के साथ आगे बढ़ते हुए फोर्टिस मोहाली ने हैपटाइटिस बी और सी के लिए 500 से अधिक फ्री स्क्रीनिंग भी की और मौजूद मरीजों, उनके साथ आए लोगों, स्टाफ और अन्य लोगों के इस संबंध में टेस्ट किए गए।
डॉ.अरविंद साहनी ने कहा कि भारत में 35 मिलियन से अधिक लोग हैपटाइटिस बी से संक्रमित हैं और 40 मिलियन से अधिक लोग हैपटाइटिस सी से संक्रमित हैं। हैपटाइटिस बी और सी को एक शांत हत्यारा माना जाता है और ये एक गुप्त महामारी फैला रहे हैं। हैपटाइटिस सी से ही साल करीब एक लाख से अधिक लोगों की मौत होने का अनुमान है।’’ उन्होंने कहा कि हैपटाइटिस सी के इलाज के क्षेत्र में काफी सफलताएं मिली हैं और इसमें सफल इलाज की दर 95 प्रतिशत से अधिक है।
चूंकि हैपटाइटिस बी और सी के चलते होने वाले लिवर रोग के संकेत और लक्ष्ण काफी देर में सामने आते हैंऔर इन वायरसेज की पहचान के लिए सिर्फ ब्लड टेस्ट ही एकमात्र सुनिश्चित माध्यम हैं। एक तरफ हैपटाइटिस बी से हैपटाइटिस बी वैक्सीन की तीन खुराक लेकर सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है, वहीं हैपटाइटिस सी से बचाव के लिए अभी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
डॉक्टर द्वारा इस मौके पर लोगों को हैपटाइटिस बी और सी से सुरक्षा के लिए अन्य उसायों के बारे में भी बताया गया, जिनमें स्वैच्छिक रक्त दान को प्रोत्साहन, सर्टीफाइड ब्लड बैंकों से इन वायरसेज की समुचित जांच, इंट्रावेनस ड्रग्स के इस्तेमाल से दूर रहना, टैटू आदि बनवाने से परहेज, सुरक्षित यौन संबंध बनाना, स्र्टलाइज्ड नीडल्स और सिरिंजेस का उपयोग और किसी भी ऐसे ब्लड या ब्लड उत्पादों को लेने से परहेज करना जिनकी इन संक्रमणों के लिए उचित जांच नहीं की गई है।
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