Friday 9 September 2016

माता अमृतानंदमयी सेवा समिति 11 सितम्बर को होटल पार्क व्यू चंड़ीगढ़ में करेगी ध्यान और योग साधना शिविर का आयोजन

By Tricitynews Reporter
Chandigarh 09th September:- माता अमृतानंदमायी सेवा समिति चंड़ीगढ़ द्वारा 11 सितम्बर रविवार को सेक्टर 24 के होटल पार्क व्यू में ध्यान और योग के शिविर का आयोजन किया जा रहा है | पिछले पंद्रह महीनों में यह इस प्रकार का चौथा शिविर है | अभी तक के शिविरों में लगभग 200 लोगों ने भाग लिया | इस शिविर का उद्देश्य लोगों को एक ऐसी तकनीक प्रदान करना है जिसके द्वारा वे केवल बागदोड भरी ज़िन्दगी से उत्पन्न तनाव से मुक्ति पा सकें, बल्कि अपने अस्तित्व को समझकर अपने वास्तविक स्वरुप में स्थित हो परम आनंद को पा सकें | 
माता अमृतानंदमायी मठ, केरल की तरफ से आये ब्रह्मचारी अमित ने बताया कि आध्यात्मिक गुरु और समाज सेविका माता अमृतानंदमयी देवी, जिन्हें अधिकतर लोग अम्मा के नाम से जानते हैं और जिन्होंने साडे तीन करोड़ से भी अधिक लोगों को  अपने गले से लगाया है, ने आज के समाज की कठिनाइयों और आज की पीड़ी की आवश्यकता अनुसार इस तकनीक का स्वयं निर्माण किया है | इस तकनीक का नाम है इंटीग्रेटेड अमृता मैडिटेशन टेकनीक (अथवा एकीकृत अमृता ध्यान) | इतना ही नहीं, पिछले बारह से भी अधिक सालों से यह तकनीक विश्व भर में निशुल्क सिखाई जा रही है| ब्रह्मचारी अमित ने यह भी बताया कि हालही में योग और ध्यान बहुत लोकप्रिय तो हुआ है, परन्तु अधिकतर लोग अभी भी ध्यान और योग के उद्देश्य को केवल शरीर को स्वस्थ और मन को तनाव रहित बनाने तक ही सीमित मानते हैं | वास्तव में ध्यान और योग का उद्देश्य जीवन के परम सत्य को जानना है जिसे जानकर मनुष्य परम आनंद को पाता है -शरीर का स्वस्थ होना और मन का तनाव से छुटकारा पाना तो उसका केवल उपरी भाग है, परन्तु उसकी गहराई में जाना भी आवश्यक है | इंटीग्रेटेड अमृता मैडिटेशन टेकनीक के द्वारा हम अपनी गहराई में जा सकते हैं जिससे हमारे जीवन में भी एक गहरा रूपांतरण जाता है जो केवल शरीर और मन की ऊपरी सतह तक ही सीमित नहीं होता |
मठ से जुड़े राजीव सूद ने बताया कि अम्मा द्वारा संचालित परोपकारी कार्यक्रमों में विश्व भर में आपदा राहत और अन्य कई सहायता प्रकल्प शामिल हैं, जैसे 2015 में नेपाल भूकंप के बाद लाख टिटनेस वैक्सीन और टन दवा, 2014 में फिलीपींस तूफ़ान पर 20 लाख अमेरिकन डॉलर की राशि, 2013 की उत्तराखंड बाड के चलते 50 करोड़ रुपयों की सहायता के रूप में स्वास्थय सेवाओं के लिए मेडिकल सेंटर, 400 घरों और स्कूल का निर्माण , 2009 में कर्णाटक और आँध्रप्रदेश बाड़ों के दौरान 1000 घरों का निर्माण सहित 50 करोड़ रुपयों की सहायता राशि, 2005 में अमेरिका में आये कटरीना चक्रवात के पश्चात 10 लाख अमेरिकन डॉलर की सहायता, इत्यादि | 2004 में आये भयंकर सुनामी के समय 200 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की गयी जिसमे बेघरों के लिए हजारों घर भी बना के दिए | मठ ने केरल, तमिलनाडु इत्यादि राज्यों में बेघरों के लिए कुल मिलाकर 45000 से भी अधिक घर बना के दिए हैं | 2015 के चेन्नई जल प्रकोप के पीड़ितों के लिए मठ ने 5 करोड़ रुपये की धन राशि डी और सैकड़ों स्वयंसेवक भेज कर अन्न, पानी, वस्त्र, दवा इत्यादि प्रदान किया | स्वच्छ भारत एवं नमामि गंगे परियोजनाओं के अंतर्गत मठ ने सरकार को 100 करोड़ रूपये की राशि प्रदान की | इसके अतिरिक्त, छात्रवृत्तियाँ अर्थात स्कालरशिप, पेंशन स्कीम, व्यवसायिक प्रशिक्षण, विकलांगों के लिए विशेष स्कूल, गरीबों की वस्त्रदान जैसे क्रियाकलाप भी नियमित रूप से चलाये जाते हैं |
माता अमृतानंदमायी सेवा समिति चंड़ीगढ़ से जुड़े डॉक्टर चिराग ने बताया की चंडीगढ़ में भी समिति के द्वारा पिछले कई महीनों से निशुल्क मेडिकल कैंप, डेंटल कैंप इत्यादि का आयोजन किया जा रहा है और आगे भी नियमित रूप से ऐसे कैंप चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में समिति द्वारा सुचारू रूप से चलाये जायेंगे | इस आयोजित संवाददाता सम्मलेन में समिति की और से श्रीमती मनीषा, और राकेश भी उपस्थित थे