Wednesday, 15 September 2021

Photograph Exhibition Organized at 7th Global Literary Festival

By Tricitynews Reporter

Chandigarh, Sept.15, 2021:- While taking any picture, the photographer's state of mind is revealed, whether he is taking a photo of nature or a beautiful woman, we can find out by looking at that picture, what is being imprinted on her psyche, On the first day of the 7th Global Literary festival our students organized a virtual exhibition of photographs taken with their cameras and he is very happy to say that the students of Marwah Studio did a great job in Pandemic too, said Dr. Sandeep Marwah Chancellor of AAFT University.

On this occasion, Governor of Maharashtra Bhagat Singh Koshiyar, High Commissioner of Trinidad and Tobago Dr. Roger Gopaul, Head of Consular Affairs of Burkina Faso Embassy Coulibaly de Herve, Ambassador of Uzbekistan Dilshod Akhatov, Charter President of Lions Club Delhi, Gaurav Gupta, Inderjit Ghosh and filmmaker Anil Jain were present.

Bhagat Singh Koshiyar said that, lot of beautiful literature has been written in Hindi and other Indian languages, be it Bengali, Marathi, Tamil, Telugu or Gujarati. Every literature has its own identity which should be read by every human being. Our literature is so vast that our Vedas and Puranas have also been translated into foreign languages. Dr. Roger Gopaul said that such events not only bring awareness among the people but also make them aware of their culture.

Inderjit Ghosh said that our culture is very colorful and our literature cannot be compared with any other. Dilshod Akhatov said that there is a lot of respect for the language in our country and the literacy rate there is very high.

 

शूलिनी ने केन्द्रीय अनुदान प्राप्त आईटी हब के साथ प्रतिष्ठित समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए

By Tricitynews Reporter

Chandigarh, Sept.15, 2021:- शूलिनी यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), रुड़की के आईहबदिव्यासंपर्क के बीच एक अत्यंत प्रतिष्ठित और लाभकारी समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

यह समझौता स्मार्ट एग्रीकल्चर, स्मार्ट सिटीज, डिजिटल मेडिसिन और एडुटेक में योगदान देने की दिशा में काम करेगा ताकि दुनिया को प्रौद्योगिकी की शक्ति के माध्यम से बेहतर जगह बनाया जा सके। यह नवोदित उद्यमियों और शोधकर्ताओं को साइबर फिजिकल सिस्टम्स और आने वाले कल की स्मार्ट टेक्नोलॉजीज के निर्माण में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इसमें शामिल होगा।

समझौते से केवल शूलिनी यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और छात्रों को मदद मिलेगी बल्कि हिमाचल प्रदेश से संबंधित समस्याओं के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

आईहबदिव्यसंपर्क, एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और आईआईटी रुड़की की एक संयुक्त पहल है। समझौता पत्र साइबर फिजिकल सिस्टम्स में नई नई परियोजनाओं की फंडिंग और कृषि, स्वास्थ्य सेवा और अन्य कार्यक्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए कई नए दरवाजे खोलेगा।

एमओयू पर वाइस चांसलर अतुल खोसला ने चांसलर डॉ.पी.के. खोसला और प्रो चांसलर श्री विशाल आनंद और सीईओ आईहबदिव्यसंपर्क श्री मनीष आनंद की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

यह परियोजना 135 करोड़ रुपये के सीड फंड के साथ नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस) के तहत स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य साइबर फिजिकल सिस्टम्स के लिए स्मार्ट उपकरणों, सामग्रियों और टेक्नोलॉजीज के फोकस क्षेत्र में इनोवेशन को सक्षम बनाना है। ये आविष्कार इंडस्ट्री 4.0 और डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। इस प्रकार विकसित की गई प्रौद्योगिकियां भारतीय एमएसएमई को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी, हेल्थकेयर सस्ती और हर भारतीय के लिए सुलभ बनाने और स्मार्ट सिटी बनाने में मदद करेंगी। प्रोफेसर खोसला ने कहा कि ‘‘इस सीड फंड की मदद से हम इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स को सपोर्ट करेंगे।’’

मनीष आनंद ने कहा कि उन्हें भविष्य के उद्योग, स्मार्ट सिटीज, स्मार्ट एग्रीकल्चर और डिजिटल हेल्थ के लिए साइबर भौतिक प्रणालियों के व्यापक क्षेत्र में इनोवेशन करने के लिए एक युवा, गतिशील और सबसे महत्वपूर्ण इनोवेशन संचालित यूनिवर्सिटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने में प्रसन्नता हो रही है और कहा कि इस प्रक्रिया में हिमाचल प्रदेश से जुड़ी समस्याओं के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

समझौता पत्र, साइबर-फिजिकल सिस्टम्स और नए युग की प्रौद्योगिकियों से संबंधित उद्यमिता विकास और प्रशिक्षण पर जोर देगा। यह शूलिनी यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकेल्टी सदस्यों द्वारा विकसित अच्छी गुणवत्ता वाले सीपीएस से संबंधित पेटेंट, परियोजनाओं और प्रकाशनों की पहचान करने और उन्हें वास्तविक उत्पाद में परिवर्तित करने के अवसरों का पता लगाएगा जो सामाजिक जरूरतों को हल कर सकते हैं।

यह समग्र इनोवेशन ईकोसिस्टम को सक्रिय करने पर दीर्घकालिक रणनीतिक संबंध बनाने की दिशा में काम करेगा और उद्योग की प्रासंगिक समस्याओं की पहचान करने और प्रतिक्रिया प्रदान करने जैसे विभिन्न पहलुओं पर सहयोग करने के अवसरों की पहचान करेगा।