Thursday, 3 October 2019

कांग्रेस नेत्री रंजीता मेहता पर लगे फ्रॉड और धोखाधड़ी के आरोप: चंडीगढ़ पुलिस के डी एस पी और थाना प्रभारी पर भी लगाए मिलीभगत और आरोपी को बचाने के आरोप


By Tricitynews
Chandigarh 03rd October:-- पंचकूला निवासी वरिष्ठ नागरिक एस के वोहरा ने पंचकूला की महिला मोर्चा की प्रेजिडेंट और उनके पति अभि मेहता पर उनके साथ चीटिंग, फ्रॉड और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए है। एस के वोहरा ने चंडीगढ़ पुलिस के डी एस पी-सेंट्रल कृष्ण कुमार और सेक्टर 03 थाना प्रभारी नीरज सरना और जांच अधिकारी बलकार सिंह पर भी राजनैतिक दवाब के चलते आरोपियों को बचाने के आरोप लगाए है। एस के वोहरा के अनुसार उनके साथ हुए इस फ्रॉड और चीटिंग के उनके पास पुख्ता डॉक्यूमेंट्री सबूत और रिकॉर्डिंग्स है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में एस के वोहरा ने बताया कि पंचकूला महिला मोर्चा कि प्रेजिडेंट रंजीता मेहता और उनके पति अभि मेहता उनके संपर्क में आये और मुलाक़ात का सिलसिला बढ़ने के साथ साथ उनके उनके पारिवारिक सम्बन्ध बन गए समय बीतने के साथ उन दोनों का उनके घर आना जाना शुरू हो गया और रंजीता के साथ उनका बेटी सा रिश्ता बन गया।रंजीता और उनके पति को पता चला कि उनके बेटा और बहु विदेश में सेटल है तो उन्होंने किसी काम के लिए उनसे उन के डाक्यूमेंट्स मांगे, और 03-04 दिन बाद लौटा दिए।  इसके कुछ दिन बाद उनके घर पर एक पार्सल आता है, जिसमे उनकी बहु के नाम की ऑक्साइड लाइफ इंश्योरेंस की पालिसी आती है। इसके बाद जब उन्होंने इसकी गहनता से जांच की पाया की ये पालिसी उस दौरान बनी है, जिस वक़्त उनकी बहु इंडिया में थी ही नहीं। उन्होंने कंपनी के ऑफिस जाकर जांच पड़ताल की तो पाया कि उनकी बहु के जाली हस्ताक्षर कर पालिसी ली गयी है। उन्होंने इसकी शिकायत चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर में पब्लिक विंडो पर दी। इसके बाद जब थाना सेक्टर 03 के इन्क्वारी अफसर हेड कांस्टेबल बलकार सिंह ने  इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला की पालिसी यशपाल सिंह एजेंट के द्वारा ली गयी है।इन्क्वारी अफसर ने जब यशपाल सिंह को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा तो उसने आकर ब्यान दर्ज़ करवाए की वो तो रुड़की के एक गाँव में रहता और स्टूडेंट है और वो तो नेहा वोहरा को जनता है, ही कंपनी के चंडीगढ़ ऑफिस में कभी आया है।अलबत्ता उसके एक मित्र समान ने उससे उसका आधार कार्ड लेकर उसका पैन कार्ड बनवाने और इंश्योरेंस करवाने की बात कही थी उसके ब्यान दर्ज़ कर जांच अधिकारी ने अमन को नोटिस भेज कर बुला लिया और पूछताछ की तो उसने भी बताया कि उसका भी इस पालिसी में कोई हाथ नहीं है बल्कि उसने गुरुग्राम में इस कंपनी में कोई 06 महीने काम किया था, इसलिए उसे पता है कि इस तरह से कागज़ पत्र लेकर इंश्योरेंस की एजेंसी उस व्यक्ति के नाम दिखा दी जाती थी अमन ने अपने ब्यान में बताया था कि उसके बॉस अभि मेहता है जोकि ऑक्साइड लाइफ इंश्योरेंस में बतौर डी जी एम्-नार्थ जोन कार्यरत है। अभि मेहता रंजीता मेहता के पति है इस बाबत पता चलने पर जब उन्होंने रंजीता और उसके पति अभि को बुलाया तो उन्होंने बोला  कि पालिसी उन्होंने ही की है। उनके टारगेट होते है, जिसे पूरा करने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा इसमें तो प्रीमियम का पैसा भी उन्हें नहीं देना पड़ा, बल्कि एक राम सिंह नाम का इंश्योरेंस ब्रोकर है, जो ऐसे पैसे अर्रेंज करता है जब उन्होंने रंजीता मेहता से अपनी बहु नेहा के पालिसी पर हुए हस्ताक्षर के बारे में पूछा तो उसने माना कि सिग्नेचर उसी ने किया है और उसे इसी लाइन में काम करते करते इतना तज़ुर्बा हो चूका है कि वो किसी के हूबहू दस्तखत कर सकती है और उन्होंने उसे बेटी माना है अगर उसने अपने कुछ फायदे के लिए ऐसा कुछ किया है उन्हें ऐतराज़ नहीं होने चाहिए। लेकिन उन्हें बात हज़म नहीं हुयी क्योंकि ये सारा वाकया कहीं कहीं विदेश में बसे उनके बेटे और बहु से जुड़ा हुआ था इस लिए उन्होंने मामले कि संगीनता को देखते हुए इस मामले को उजागर कर आरोपियों को सजा दिलाने का सोचा। इसके बाद उन्होंने जांच अधिकारी बलकार सिंह को इस बाबत मामले में आगे की कार्यवाई पूछी तो जांच अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में सामने आये ब्रोकर राम सिंह को भी बुला कर पूछताछ की है तो उसने अपने ब्यान में माना है कि इस सब में अभि मेहता और उसकी पत्नी रंजीता मेहता शामिल है। इसके बाद रंजीता मेहता और अभि मेहता को जांच में शामिल होने की बजाए पुलिस अधिकारियों  ने मामले को ठन्डे बास्ते में डाल दिया और रंजीता मेहता और उसके पति अभि मेहता को 5-6 महीने बुलाया ही नहीं। जब उन्होंने इस बारे में पब्लिक विंडो पर शिकायत दी तो उन्होंने बुलाया गया। लेकिन इस दौरान रंजीता मेहता और अभि मेहता को पता लग चूका था की यशपाल सिंह , अमन और राम सिंह ने क्या ब्यान दर्ज़ करवाए है। तो उन्होंने डी एस पी-सेंट्रल कृष्ण कुमार के पास पेश होकर मामले को अलग ही रंग देने की कोशिश की और कहा की उन्होंने एस के वोहरा पर मानहानि का केस डाला हुआ है, उसी का बदला लेने और उनकी राजनैतिक छवि को धूमिल करने के लिए विपक्षी पार्टी के बहकावे में आकर ये शिकायत दी है। तब डी एस पी सेंट्रल कृष्ण कुमार ने उन्हें बताया कि देखते है कि क्या हो सकता है।   तब उन्होंने इसके कुछ दिन बाद इस बारे में जांच अधिकारी बलकार सिंह से रिपोर्ट मांगी तो उसने बताया कि केस से सम्बंधित फाइल को डी एस पी सेंट्रल कृष्ण कुमार ने अपने पास मंगवा लिया है, जब उन्होंने डी एस पी कृष्ण कुमार कार्यालय पहुँच कर उनसे बातचीत की तो उन्होंने रंजीता मेहता के राजनैतिक दबाब में आते हुए उल्टा उन पर ही दबाब बनाने की कोशिश की ।लेकिन वो उसके दबाब में नहीं आये और उन्होंने डी एस पी को मामले की निष्पक्षता और साक्ष्यों के आधार पर जांच करने की बात की तब डी एस पी ने उन्हें डराया-धमकाया और हाथापाई की कोशिश की और कहा कि वो उन पर मामला दर्ज़ कर उन्हें अहसास दिला सकते है कि पुलिस क्या चीज होती है अपने मामले में कुछ होता देख और डी एस पी की मिलीभगत देखते हुए उन्होंने मामले को पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी को शिकायत दी। पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी की तीन सदस्यीय बेंच ने मामले की गंभीरता देखते हुए मामले में सलिंप्त डी एस पी, थाना प्रभारी और जांच अधिकारी को जांच में शामिल होने के बुलाया। लेकिन बेंच के बार बार बुलाये जाने के बाबजूद भी ये सब नहीं पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बेंच में अपनी शिकायत में कहा था कि उन्हें शक है कि कहीं कहीं फाइल में दर्ज़ बयानों को बदला जा सकता है और रंजीता मेहता उसके पति अभि मेहता कि राम सिंह कि थाने अपने साथ लाकर ब्यान चेंज करवाने के लेकर थाने में आने की तारीख वाली सी सी टी वी फुटेज को भी जांच में शामिल किया जाये तो उनकी शिकायत का कड़ा संज्ञान लेते हुए बेंच ने चंडीगढ़ पुलिस कि एस एस पी महोदया को केस से सम्बंधित फाइल और सी सी टी वी फुटेज को अपने संरक्षण में लेने के दिशा निर्देश जारी किये
एस के वोहरा ने बताया कि इस मामले में कुछ दिन पहले चंडीगढ़ पुलिस महानिदेशक को भी मिल चुके है उन्होंने मामले कि गंभीरता को देखते हुए एस पी सिटी विपिन कुमार को गहरायी से मामले कि जांच के आदेश देते हुए जल्द से जल्द उन्हें रिपोर्ट दिए जाने के आदेश दिए
वहीँ जब इस बारे में रंजीता मेहता से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एस के वोहरा द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार है। उन्होंने पहले ही एस के वोहरा के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज़ करवा रखा है और उनकी कोर्ट से बेल भी रिजेक्ट हो चुकी है और वो उनकी राजनैतिक छवि को धूमिल करने कि कोशिश कर रहा है