Wednesday, 22 January 2020

Chitkara University Awarded an International Project on Prevention & Risk Management of Antibiotic Resistance


By Tricitynews
Chandigarh 22nd Jan, 2020:- Chitkara University today announced that it is leading an International Project named “Risk Management and Prevention of Antibiotic Resistance – PREVENT IT”.  The three year project Erasmus+ offers innovative perspective in addressing antibiotic resistance.  PREVENT IT is the fourth Erasmus+ project involving Chitkara University. This brings laurel to the University of being the most successful Erasmus+ recipient in South Asia.
Antibiotic resistance has emerged as a major global threat to human and animal health, food security and development. It is expected to cause at least 10 million deaths annually by 2050, more than cancer and diabetes combined causalities. PREVENT IT international consortium led by Chitkara University Punjab – comprises of five Indian universities, two Indian Non-Governmental Organizations and four European universities.
Chitkara University has been co-financed by the European Commission with a grant of 8 crore to lead an international team of scientists united to promote education and awareness on Antibiotics Resistance. The grant is provided under the framework of the prestigious Erasmus+ programme supporting education in Europe – as well as – awarding the most innovative ideas worldwide.
The project concept is inspired by the Indian National Action Plan to combat Antibiotics Resistance (ABR), having among its key goals the increase of societal awareness, empowering individuals from different social spheres.
Speaking on the Occasion, Dr. Madhu Chitkara, Vice-Chancellor of Chitkara University said that doing a project for first time is a great honour, but being a part of the prestigious Erasmus+  project for the fourth time speaks of the consistent innovation at our campus. The main purpose of the multidisciplinary initiatives promoted by the project is to empower and amplify diverse voices representing healthcare providers, educators, researchers and community leaders.  This will be achieved by sharing best practices in ABR education and awareness, combining traditional and innovative educational tools.

Runners Will Give the Message of De-addiction on Republic Day


By Tricitynews
Chandigarh 22nd Jan, 2020:- To give the message of De-addiction on the occasion of Republic Day, the Gillco Group and Urban Dive events are going to organize the Punjab Winter Half Marathon on 26 January. The competition will include hundreds of runners from the states of Punjab, Himachal, Jammu and Delhi. This marathon has a category of 5 km, 10 km, 21 km. Women, men, children can participate in this open competition, whose minimum age will be 10 years.
The competition will be held at Sector 126 Gillco Park Hills on Airport Road. In this competition, the 21 km race will be held at 6 am, the 10 km race is 6:40 and the 5 km race will be at 7 pm. Runners participating in this competition can get their registration online till 22 January and offline by 24 January. At the same time, 76-year-old marathon ambassador Amar Chauhan also known as golden Sikh who has won 78 gold medals and has run 89 marathons across the world so far, will join the marathon to complete his 90th marathon and will include event facilitator Sourav Kapoor who is an ultra-runner.
Executive Director of the Gillco Group Tejpreet Singh Gill, said that the Gillco Group is organizing a Punjab Winter Half Marathon Competition to make people aware of the drug addiction spread across Punjab. Which will give a message to the masses on how drug addiction across Punjab is spreading and how to fight back? For which the organizers and the Gillco Group have made full preparations. We hope that this marathon will make people more and more aware.
Director of Urban Dive Events, Aseem Girdhar said that this marathon is a small effort to attract the youth of Punjab away from drugs and towards fitness. We hope that people will support us in this initiative by participating in the marathon.

पेपर मिल्स पर गैरकानूनी कोर्टल बनाकर मनमाने रेट बढ़ाने का आरोप लगाया गत्ता उद्योग मालिकों ने


By Tricitynews
Chandigarh 22nd Jan, 2020:- गत्ता उद्योग चलाने के लिए प्रयोग होने वाले रॉ मैटीरियल के लगातार बढ़ते दामों और पेपर मिलों की धक्केशाही से तंग गत्ता उद्योग तालेबंदी की कगार पर है। गत्ता उद्योगों को चलाने के लिए प्रयोग होने वाले क्राफ्ट पेपर, गोंद, स्टीचिंग वायर व प्रिंटिंग इंक के दामों में लगातार हो रहे बेतहाशा इजाफे ने बाक्स निर्माताओं की कमर तोड़ दी है। ये बात आज यहां चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में नार्थ इंडिया कोरुगेटिड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कही। इन पदाधिकारियों में हिमाचल प्रदेश से सुरिंदर जैन, पंजाब से वरुण गाँधी, हरियाणा से रजत गुप्ता, उत्तर प्रदेश से सुशील सूद, जम्मू एंड कश्मीर से हरीश गुलाटी एवं राजस्थान से राजीव कट्टा शामिल थे।
हिमाचल से गत्ता उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि एक तरफ तो देश मंदी की मार झेल रहा है और ऊपर से लगातार पेपर मिलों द्वारा मनमाने ढंग से कच्चे माल के रेट बढ़ाए जा रहे हैं जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा मंदी के इस दौर में इस उद्योग पर संकट मंडरा रहा है । उन्होंने बताया कि गत्ता उद्योग महज 5% के मार्जिन पर काम करता है जबकि पेपर मिल्स ने मनमानी करते हुए लगभग 20 % तक रेट बढ़ा दियें हैं जिससे काम करना दुश्वार हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को पेपर मिलों की धक्केशाही पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाने के साथ-साथ नई पेपर मिलों को स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि पेपर मिलों ने अपनी दादागिरी न छोड़ी तो उद्योग ताला बंदी की तरफ जा सकता है । उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले में दखल दे और बड़ी पेपर मिलों की मनमर्जी पर अंकुश लगाएं।
उन्होंने कहा कि अगर इस बाबत कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए तो मजबूरन गत्ता उद्योग मालिकों को उद्योगों पर ताले लगाकर चाबियां बैकों व सरकार को सौंपनी पड़ेंगीं। यही नहीं, इन पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार ने उचित कदम उठाकर दखल नहीं दिया तो वे लोग मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल भी कर सकतें है। इससे सभी कंपनियां परेशानी में आ जाएँगी क्योंकि पैकिंग के बिना उनका काम ही नहीं चल सकता।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में गत्ता उद्योग की उत्तर प्रदेश में लगभग 500, हिमाचल व हरियाणा में 300-300, पंजाब में 200, राजस्थान में 250 व जम्मू-कश्मीर में 100 यूनिट काम कर रहीं हैं जिनमें हज़ारों कर्मचारियों को रोजगार मिल रहा है। इन गत्ता उद्योग यूनिटों को कच्चा माल सप्लाई करने वाली पेपर मिलों में से अधिकांश उत्तर प्रदेश में है जबकि हिमाचल व पंजाब में 6-6 मिलें हैं। इन पदाधिकारियों का आरोप है कि ये सभी पेपर मिल्स आपस में सलाह करके रेट बनातीं हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा इस प्रकार कोर्टल बनाना बिलकुल गैरकानूनी है व कानून में इसके लिए बाकायदा दंडात्मक करवाई का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि फार्मा एवं सभी मल्टीनेशनल यूनिट गत्ता उद्योगों को दो महीने पहले ऑर्डर करती है और उस समय के हिसाब से रेट कर लेती है लेकिन पेपर मिल्स पिछले लगभग एक महीने में क्राफ्ट पेपर के रेट 20 फीसदी तक बढ़ा चुकी हैं, जिससे गत्ता उद्यमियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और गत्ता उद्योग संघ इससे काफी परेशानी में है। उन्होंने जानकारी दी कि गत्ता उद्योगों में 90% क्राफ्ट पेपर का इस्तेमाल होता है। पेपर मिल्स ने बिना किसी ठोस कारण के रेट बढ़ा दियें हैं। इससे गत्ता उद्योगों को भरी नुक्सान उठाना पड़ रहा है क्योंकि जिन कंपनियों को ये बॉक्स तैयार करके बेचतीं हैं, वे रेट बढ़ाने को राजी नहीं हैं। वह कहतें हैं जोकि एक तो वैसे ही देश भर में मंदी छायी हुई है और काम बहुत कम रह गया है। पेमेंट भी 90-100 दिन में मिल रही है। इसके अलावा ज्यादातर बॉक्स यूनिट स्माल स्केल में हैं व बैंकों के ब्याज का मीटर भी चल रहा है क्योंकि सभी ने लोन ले रखा है। ऐसे में गत्ता उद्योग दम तोड़ने के कगार पर पहुँच चुका है। सभी ने एक स्वर में मांग की कि या तो पेपर मिल्स बढ़े हुए रेट वापिस लें या फिर सभी कंपनियां हमारे रेट बढ़ाए अन्यथा तालाबंदी अथवा हड़ताल अवश्यंभावी है।

टेक्नोलॉजी के माध्यम से होगा यूथ और वूमेन एम्पावरमेंट


By Tricitynews
Chandigarh 22nd Jan, 2020:- जयपुर के जी डी बड़ाया ऑडिटोरियम, संस्कृति कॉलेज मानसरोवर  में २५ जनवरी को  जाने माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, एजुकेशनिस्ट और मोटिवेशनल स्पीकर विमल  डागा की अध्यक्षता में युवा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें बड़ी संख्या में जयपुर के युवा बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। आईआईईसी  द्वारा शुरू की गयी इस नोबेल पहल के द्वारा  छात्रों मे उद्यमिता कौशल को विकसित करते हुए "मेकिंग इंडिया, फ्यूचर रेडी" के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में साल 2020 का रोडमैप लांच किया जाएगा।
गत वर्ष जहां  महिलाओं की सुरक्षा, ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चें, भूख और गरीबी  से जंग, दृष्टिहीन के जीवनयापन के लिए सहयता, चोरी के किस्से, खेती-बाड़ी की सुविधा जैसे मुद्दों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से रिसोलव करने के प्रति जज़्बा का आयोजन किया गया था और इसमें इंजीनियरिंग  छात्रों, विभिन्न संगठनों और स्टार्ट-अप के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में 75+ से अधिक स्टार्टअप की मेजबानी की गयी थी. वही इस साल बेरोज़गारी के समाधान , रोज़गार के अवसरों और चुनौतियों ,उद्यमिता को बढ़ावा, सक्सेसफुल इंटरप्रेन्योर बनने के गुर, शिक्षा की आपूर्ति, वीमेन एपोवेर्मेंट, स्वरोज़गार की दिशा में महिलाओ की भागीदारी और  पर्यावरण स्थिरता से स्वस्थ बदलाव और अन्य कई मुख्य मुद्दों  को संबोधित किया जाएगा जो आज समाज को परेशान कर रहे हैं। इस इवेंट में 2020  का रोडमैप  लांच किया जाएगा और युवाओं की भागीदारी से दिशा तय की जाएगी।  विमल डागा के साथ जयपुर के युवा  पाथ  ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी का अनावरण कंरेंगे।
युवाओं  विशेष रूप से इंजीनियरिंग के वो  छात्र जिन्हे  औसत या औसत से नीचे का बोल कर अस्वीकृत कर दिया जाता है और एक नकारात्मक प्रतिक्रया दी जाती है ,को  आईआईईसी एम्पावरड और स्किल्ड करते हुए उचित मार्गदर्शन और प्रेरना देता है. विमल डागा , मशहूर टेक्नोक्रैट, एडुकेशनिस्ट और  संस्थापक आईआईइसी , के अनुसार एक सशक्त युवाओं वाले राष्ट्र के लिए असीम संभावनाएं हैं और उन्हें सही ज्ञान, कौशल और प्रशिक्षण के साथ शिक्षित करने की संभावनाएं हैं। सोसाइटअल  एम्पॉवरमेन्ट के लिए टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम विकास की और अग्रसर हो सकते हैं  और जज़्बा से हम डिजिटल रेवोलुशन के द्वारा  सामाजिक परिवर्तन के लिए रास्ता तैयार करेंगे। इसके साथ साथ  हम डिजिटल क्रांति लाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं जो युवा सशक्टीकरण  करने की दिशा में काम करेगी और सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और उद्यमिता के लिए भी एक अवसर प्रदान करेगी  इनोवेशन जज़्बा के जरिये हम इंजीनियरिंग छात्रों के बीच सही समय पर एंट्रेप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देंगे।इस पहल से जल्द ही भारतीय युवा अपनी कंपनियों के संस्थापक होने का सपना देखेंगे ना की किसी कंपनी में नौकरी पाने का। इससे देश के युवाओं को बेरोजगारी की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा
इसके साथ ही  जज़्बा की कन्विनर , प्रीती डागा  ने कहा कि  कोई भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट रचनाकार हो सकता है चाहे वो बिलो एवरेज हो ,  हम उन्ही स्टूडेंटस में  स्टार्टअप और अपने आप को लीडर देखने का सपना और उम्मीद  डे रहे हैं और उनकी रचनात्मकता सामजिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है, वो ऐसी तकनीक ले कर रहे हैं जो डिजिटल जगत में क्रान्ति ले आएगी और समाज में चलित के समस्याओं और परेशानियों को आसानी से सुलझा देगी