Tuesday, 28 September 2021

Doctors Successfully Operate on 61-Year-Old Prostate Cancer Patient

By Tricitynews Reporter

Ambala, Sept. 28, 2021:- The Urology team at Fortis Hospital Mohali performed a life-saving surgery on a 61-year-old patient, who was suffering from prostate cancer, using the revolutionary 4th generation robotic machine – Da Vinci. A team of doctors led by Dr Manish Ahuja, Consultant, Urology, Robotic and Laparoscopic Surgery, Fortis Mohali, performed the robotic-assisted laparoscopic radical prostatectomy.

On presentation, the 61-year-old patient, Rajesh Kumar Kuchhal, complained of frequent urination and intense pain in the pelvic area. A prostate-specific antigen (PSA) blood test showed the patient’s serum levels were elevated and the MRI of the pelvis revealed that he had prostate cancer (Stage 1). Further, the PET-CT scan revealed an ill-defined PSMA expressing soft tissue nodule involving the peripheral zone of the prostate along with the right posterolateral aspect suggestive of primary mitotic pathology.

Dr Manish Ahuja, Consultant, Urology, Robotic & Laparoscopic Surgery, Fortis Hospital Mohali, said that the prostrate is the male reproductive gland which can enlarge due to hormonal changes after the age of 50. At times these enlargements can be cancerous in nature. However, if detected in time, the gland can be removed, and the growth of the tumor stemmed. Several complicated and delicate surgeries are done with greater precision using robot-assisted technology. He added further that it is the latest form of minimal invasive surgery and provides a 3D view of the operative field via a special camera inserted into the body of the patient. Parts of the body which are difficult to reach with the human hand can be accessed through robot-assisted arms that can rotate 360 degrees. Patients have minimal blood loss, less scarring and the recovery process is faster. In this case we performed a radical prostatectomy through robot-assisted arms and the diseased gland was removed. The patient was discharged five days after the medical procedure and has recovered fully.

Thanking Fortis Hospital Mohali, the 61-year-old patient Rajesh Kumar Kuchhal said that he approached several hospitals but was not satisfied with their suggested line of treatment. He was in severe pain and finally approached Fortis Hospital Mohali where he met Dr Manish Ahuja. He studied his case thoroughly and explained that the right treatment approach for him involved robotic surgery. He has now recovered and is feeling energetic. He has no problem in walking and performing his daily tasks. He recommends robotic surgery to anyone facing prostate complications.

 

100% वैक्सीनेशन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन का आयोजन शुरू

By Tricitynews Reporter

Chandigarh Sept. 28, 2021:- भारतीय जनता पार्टी मंडल नंबर 22  मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा के द्वारा सेक्टर 32 और 33 में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन किया गया।

बीजेपी मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा संगठन सेवा के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये100% वैक्सीनेशन  के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वार्ड नंबर 22 में डोर टू डोर टीकाकरण लगवाने का कार्य आरंभ किया। वैक्सीनेशन कैंप में आए हुए मेडिकल स्टाफ के द्वारा  245 लोगों को टीकाकरण किया गया जिसमें से  45 लोगों को पहली डोज़ और 200 लोगों को दूसरी डोज़ लगाई गई।

 दीपक शर्मा ने बताया कि जब तकमंडल / वार्ड नंबर 22 में 100% लोगों को वैक्सीनेशन नहीं लग जाती तब तक वैक्सीनेशन कैंप के आयोजन मेडिकल डिपार्टमेंट का सहयोग चलते रहेगें।

 इस अवसर पर विशेष रूप से बीजेपी मंडल नंबर 22 के महासचिव गौरी शंकर राय परमपाल सिंह उपाध्यक्ष संजीव वर्मा, शक्ति केंद्र अध्यक्ष श्याम लाल , बाबू राम दीपक जोशी, अंशुल खंडेलवालमनीष दुबे, प्राचीन हनुमान मंदिर के प्रधान संजीव कुमार, जिला उपाध्यक्ष रितु रंधावा, पूजा बराड़, जिला महामंत्री राजेश अरोड़ा ,संदीप महाजन, जिला सचिव रविंद्र मलिक, राम शुक्ला रजनी शर्मा, मनोज कुमार, प्रदीप कुमार, करण बहल अंकित, एडिशनल एसएचओ सूरज कुमार कांस्टेबल संदीप कुमार उपस्थित रहे।

 

विश्व हृदय दिवस: सीपीआर कार्डिएक इमरजेंसी के मामले में एक बेहतर जीवन रक्षक समाधान

By Tricitynews Reporter

Chandigarh Sept. 28, 2021:- दिल के दौरे के कारण जिंदगी के आखिरी दौर में पहुंच गए कई हृदय रोगियों को, जो कि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) पर हैं, को एक नई जिंदगी दी जा सकती है।

डॉ.आर.के. जसवाल, हैड और डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी और डायरेक्टर, कैथलैब, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने सीपीआर की चल रही बुनियादी जीवन रक्षक तकनीक पर ऐसे कई रोगियों पर जटिल कोरोनरी इंटरवेंशन को सफलतापूर्वक किया है। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली उत्तर भारत का एकमात्र अस्पताल है जिसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ रोटेब्लेशन के रूप में प्रमाणित किया गया है। जसवाल को रोटेशनल एथेरेक्टॉमी प्रोसीजर्स के प्रॉक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।

डॉ.आर.के. जसवाल, एचओडी और डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी; और डायरेक्टर, कैथलैब, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली, ने कहा कि सीपीआर एक जीवन रक्षक तकनीक है जिसे आपातकालीन स्थितियों में उपयोग में लाया जाता है जब रोगी की सांस या दिल रुक जाता है। इस प्रक्रिया से कई रोगियों को पुनर्जीवित किया गया है।

डॉ.आर.के. जसवाल ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कैसे जारी सीपीआर वाले तीन ऐसे रोगियों में जटिल एंजियोप्लास्टी के सफल प्रदर्शन ने उनकी जान बचाई। इनमें से अधिकांश रोगियों को या तो रोटेशनल एथेरेक्टॉमी (रोटबलेशन) या बाईफरकेशन स्टेंटिंग या दोनों की आवश्यकता होती है। ऐसे उच्च जोखिम वाले हृदय रोगियों से निपटने में कार्डियक एनेस्थेटिस्ट और रेस्क्यू टीम की भूमिका सर्वोपरि है, जो पहले से ही सीपीआर से गुजर रहे हैं। इनमें से अधिकांश रोगियों को शीर्ष विश्व कार्डियोलॉजी कॉन्फ्रेंसेज में लैपटॉप और पोस्टर प्रेजेंटेशन के लिए स्वीकार किया गया था।

75 वर्ष की आयु के रोगी की लगभग 20 साल पहले बाईपास सर्जरी और स्तन कैंसर हुआ था। मेजर बायपास ग्राफ्ट में रुकावट के कारण मरीज को दिल का दौरा पड़ा। ग्राफ्ट को खोलने के प्रयास में, कैल्सीफाइड वेसल में दरार गई और रोगी का हार्ट बंद होने के कगार पर गया। रेस्क्यू टीम ने रीसक्सएशन के उपाय शुरू किए और डॉ. जसवाल ने अपने अनुभव का उपयोग कैल्सीफाइड आर्टरी का रोटेबलेशन करने के लिए किया और जल्दी से दो स्टेंट लगा दिए। जैसे ही रक्त प्रवाह बहाल हुआ, मरीज स्थिर होने लगा और उसे सीपीआर की जरूरत नहीं पड़ी। अगले ही दिन उसे छुट्टी दे दी गई।

रोटेशनल एथेरेक्टॉमी में अपनी विशेषज्ञता के कारण, डॉ. जसवाल रोगी के जीवन को बचाने में सक्षम थे। ऐसी आपात परिस्थितियों में इस कैल्सीफाइड आर्टरी को खोलने का कोई दूसरा तरीका नहीं था।

64 वर्ष की आयु के एक अन्य रोगी को भी इसी तरह की परिस्थितियों में मौत के मुंह से वापस लाया गया था।

80 वर्ष की आयु के एक मरीज को भी दिल का दौरा पड़ा था। कोरोनरी डाइसेक्शन के कारण उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ। एक कार्डियक एनेस्थेटिस्ट के साथ रेस्क्यू टीम द्वारा तत्काल प्रभाव से दी गई सीपीआर के बाद शरीर के रक्त प्रवाह को बनाए रखा, जब डॉ.जसवाल ने रोटेब्लेशन और बाईफरकेशन स्टेंटिंग कर उसकी जान बचा ली। रोगी ने हाल ही में अपना चौथापुनर्जन्मदिनडॉ. जसवाल की उपस्थिति में मनाया।

इस बीच, 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में एक वॉकथॉन का आयोजन किया गया। डॉ.जसवाल द्वारा विभिन्न हृदय संबंधी जटिलताओं का इलाज करने वाले लगभग 30 हृदय रोगियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और उन्हें इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इस समूह का नेतृत्व डॉ. आर.के. जसवाल ने किया।