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Tricitynews
Chandigarh
10th July:-
चंडीगढ़
की दो महिला प्राध्यापिकाओं ने चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित कॉलेज में लेक्चरर की हुई
नियुक्ति पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी शिकायत देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मानव
संसाधन विकास मंत्रालय, उप राष्ट्रपति सहित पंजाब के राज्यपाल, पंजाब के
मुख्यमंत्री,
चंडीगढ़
की सांसद,
गृह
सचिव को लिखित शिकायत भेज कर उचित जांच किये जाने की मांग की है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता
में प्राध्यापिका प्रीत अरोड़ा और रजनीश ने बताया कि वो मेहरचंद महाजन डी॰ए.वी
कालेज फ़ार विमेन चंडीगढ़ में असिस्टैंट प्रोफेसर (हिंदी की कान्ट्रेक्ट ) की
पोस्ट के लिए इंटरव्यू देने गयी । इंटरव्यू
लेने के लिए विषय विशेषज्ञ के रूप में डाँ गुरमीत सिंह ( अध्यक्ष , हिंदी
विभाग पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ ) उपस्थित थे । प्रीत अरोड़ा ने बताया
कि इंटरव्यू में अपनी योग्यता के अंतर्गत (एम . ए हिंदी में 69.5./. अंको के
साथ बी .एड (82./.
) अंक
, पी एच .डी(हिंदी ) के साथ साथ ( 11 किताबें
प्रकाशित ,
11
शोध पत्र प्रकाशित ,75 के क़रीब
आलेख ,
(राष्ट्रीय
व अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में ), 17 पत्र वाचन ,7 सेमिनारो
में सहभागिता ,
कई
बार आल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन में वक़्ता के रूप में आमन्त्रित , विविध
कार्यकर्मों में निर्णायक की भूमिका , व अतिथि संपादक की भूमिका , 5 साल का
टीचिंग एक्सपीरियन्स व नेट एक्सेम्पशन के प्रमाण पत्र के साथ अपना पूरा प्रोफ़ाइल जमा करवाया ।
इंटरव्यू देने सिर्फ़ 4 उम्मीदवार
ही आए । परंतु डाँ गुरमीत सिंह ने मेरी योग्यता को दरकिनार करते हुए अपनी ही
छात्रा सुनिता कुमारी ( जिसने हाल ही में
डाँ गुरमीत सिंह के निर्देशन में पीं.एच .डी ,हिंदी शुरू
की है ) की नियुक्ति कर दी । सुनिता कुमारी
सिर्फ़ नेट की परीक्षा पास है । मेरे साथ यह सरेआम अन्याय हुआ है ।
कुछ इसी प्रकार से प्राध्यापिका रजनीश ने भी
अपने साथ इंटरव्यू के दौरान हुए वाकये को बताया।
प्रीत अरोड़ा और रजनीश ने कहा कि आख़िर शिक्षा क्षेत्र में ऐसा कब तक चलेगा ? ये पहली
घटना नहीं है इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है । उन्होंने कहा कि आखिरकार क्यों नहीं योग्यता की परख की जाती ? आख़िर
उन्हें इंसाफ़ कौन देगा ? अगर शिक्षा
क्षेत्र में ऐसे ही भ्रष्टाचार व नाइंसाफी चलती रही तो आज के योग्य युवाओं का
भविष्य अवश्य ही अन्धकारमय हो जायेगा l अगर हमारे समाज में एक ओर ‘बेटी बचाओ – बेटी पढाओ’ और ‘जागो
ग्राहक जागो’
एवं
अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने की मुहिम चलाई जा रही है तो फिर क्यों योग्यता
और ईमानदारी को नज़रंदाज़ किया जाता है l
उन्होंने अपील की कि इस विषय में जल्द से जल्द उचित विभागीय नियमानुसार
कार्यवाही की जाए और मेहर चंद महाजन डी .ए .वी कालेज फॉर वूमेन, सैक्टर 36 ए ,चंडीगढ़ में
गलत तरीके से की गई नियुक्ति की निष्पक्ष जाँच की जाए व योग्यता के आधार पर सही
उम्मीदवार का चयन किया जाए l