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Tricitynews
Chandigarh 29th May:-- लक्ष्य ज्योतिष
संसथान का मुख्य उद्देशय वैदिक ज्योतिष की धरोहर को आने वाले पीढ़ी को समर्पित करना
एवं ज्योतिष विद्या के प्रति भ्रांतियों को दूर करना है। संसथान का निजी विचार जो
वेदों में है वो सर्वत्र है और जो वेदों में नहीं है वो अन्यत्र भी नहीं है। यह
कहना है लक्ष्य ज्योतिष संसथान के चेयरमैन डॉक्टर. रोहित कुमार आचार्यजी, अध्यक्ष आचार्य
वीना शर्मा और उपाध्यक्ष परवीन रजवाल का।
चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकार वार्ता में
आचार्य रोहित कुमार ने कहा की प्रतिदिन कुंडली के विश्लेषण में, जिसे गोचर भी कहते
है ! और देखने में आता है कि अनुवांशिक
गुण उनको मातापिता से संतान में हस्तांतरित होते है, जैसे किसी भी
दम्पति को काल सर्प योग के कारण संतान न हो पा रही हो तो इष्ट देव के आशीष से और
गुरु के आशीर्वाद से और ज्योतिषीय उपायोंके सहयोग से संतान होती है तो वो भी काल
सर्प योग से युक्त होगी ।
उन्होंने आगे कहा कि ज्योतिष विद्या में
नवग्रहों और12 राशियों व 27 नक्षत्रो और योगों का
विशेष महत्व है। वैदिक ज्योंतिष का जन्म वैदिक काल में ही हो गया था, वेदों में
होम-हवनयज्ञ आदि करने के लिए एक निश्चित समय बताया गया है । उस महूर्त कि जानकारी
के लिए ज्योतिष्क का अविष्कार हुआ। वेदों में काल कि गणना के लिए युग, सवंतसर ऋतु, मास,पक्ष, तिथि, नक्षत्र योग, करण, वार एवं राशियों
कि परिभाषाएं मिलती है। इसीलिए इस शास्त्र को वैदिक ज्योतिष भी कहते है। वेदों में
गृह शांति के लिए विधि विधानों का संकेत मिलता है।ज्योतिष विद्या में कुछ कुयोग भी
होते है, जिसके कारण जातक
को कष्ट मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा जातक अपने जीवन कि संघर्ष में दो
कदम आगे बढ़ता है तो चार कदम पीछे आता है । इस जगत को धरम और अध्यात्म कि भाषा में
मृत लोक और भोग लोक भी कहा जाता है । यहाँ जो भी जन्म लेता है, उसे अपने पूर्व
जन्म के फल के अनुसार सुख या दुःख भोगना पड़ता है।
ब्रह्माण्ड मंडल में प्रत्येक गृह लगातार सुरज की परिक्रमा करते हैं और गोचर रहते हैं और
अपना कुछ न कुछ प्रभाव रखते है और इस संसार में वह मानव पर प्रत्येक दुखद और
सुखद घटना के लिए जिम्मेवार होते है। लक्ष्य ज्योतिष संसथान का मुख्य उद्देशय
ज्योतिष शास्त्र मानव मात्र कल्याणर्थ उदेशय कि पूर्ति करना है।
आचार्य रोहित कुमार ने कहा कि सफल और
सुयोग्य ज्योतिष अच्छे मनोचिकत्सिक का कार्य भी करता है। ज्योतिष शास्त्र में दान, पुण्य, हवन, यज्ञ एवं गाय कि
सेवा, पेड़ पौधे लगाने और
चालीसा का पाठ करने जैसे सरल उपायों को बताने का कार्य करता है। जब व्यक्ति अपने
भविष्य के बारे में सोचता है तो वो तनाव में आ जाता है, ज्योतिषीय उपाय
उसे इससे राहत दिलाते है। वैदिक ज्योतिष सूत्रों पर आधारित है। ज्योतिष विद्या से
जातक अपनी कठिन से कठिन समस्या का भी समाधान पा सकता है।