By Tricitynews Reporter
Chandigarh
22nd November:- कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से आयोजित एग्रोटेक-2016 में ‘एगहैक’ के तहत चल रहे एक 20 घंटे से चल रहे चर्चा सत्र में विविध पृष्ठभूमि के युवाओं ने हिस्सा लिया। पहले से ही तय थीम्स पर आयोजित इस सत्र में इन युवाओं ने कृषि तकनीकों को विकसित करने के लिए अपना एक नया दृष्टिकोण पेश किया। सीआईआई मुख्यालय में आयोजित इस चर्चा सत्र में आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम कोझीकोड, आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, उड़ीसा कृषि विश्वविद्यालय, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, आनंद कृषि, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय समेत 24 यूनिवर्सिटीज के 67 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इन प्रतिभागियों ने कृषि जगत को पेश आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीकी समाधान सुझाए।
तेजस्वी बोगारपु, मोना कुमारी, मन मोहंती, तुषार नाना पाटिल और हितेंद्र सी. बडग़ुजर को फसल बीमा मुद्दे पर उनके समाधान के लिए पहला पुरस्कार मिला और उन्हें बतौर ईनाम 1, 00,000 रुपये दिए गए। दूसरे स्थान पर रहे प्रणव कुमार, देवी प्रसाद शुक्ला, गोवसल्या आर. और शशांक कुमार को डाटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण में उनके समाधान के लिए 50,000 रुपये से नवाजा गया। भारत में फसलों को होने वाले नुकसान को मद्देनजर रखते हुए सत्र के दौरान फसल उत्पादकता, मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति और सुधार के लिए व्यापक तकनीकी समाधान बताए गए।
ऐले इंगलार्ड, सीईओ और सह संस्थापक, एटीपी लैब्स, इजराइल, ने कहा कि फसल स्वास्थ्य, कृषि विपणन नेटवर्क, डाटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण, फसल बीमा लाभ और डेयरी फार्म प्रबंधन की मौजूदा चुनौतियों पर युवा प्रतिभागियों के प्रेरणादायक विचारों को सुनकर और देखकर काफी अच्छा लगा।
। उन्होंने कहा कि एक संरक्षक के रूप में मैंने पाया कि कई टीमों को एक अच्छा बाजार पाने के लिए स्थायी मॉडल और डिजाइन समाधान के निर्माण पर मार्गदर्शन की जरूरत है। मैंने इस संबंध में इन प्रतिभागियों की सहायता की। उन्होंने किसानों, विशेषज्ञों, उद्यमियों और शिक्षा संस्थानों को आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक शानदार मंच देने पर सीआईआई की सराहना की।
‘एगहैक’ के दौरान सुझाए गए समाधानों की प्रासंगिकता, प्रभावशीलता, नवीनता, पैमाने और बाजारीकरण की योजना के मुद्देनजर के लिए इन समाधानों का मूल्यांकन भी किया गया।
प्रतिभागी अंकिता सलाथिया और दीपिका शर्मा, शेर-ए-कश्मीर, कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू, ने कहा, अधिकतर किसान फसल स्वास्थ्य और कीटों से फसल को होने वाले नुकसान का आंकलन करने में असमर्थ होते हैं और इस कारण फसलों को 20 से 30 प्रतिशत नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से बीमारी फैलाने वाले कीटों का पता लगाने में मदद मिलेगी और तकनीकी समाधान से इस खतरे पर लगाम लगेगी।
विवियन फर्नांडीस, सीएनबीसी-टीवी-18, आर्थिक नीति संपादक, ने कार्यक्रम के जूरी मैंबर्स संजय कदावेरू, संस्थापक और अध्यक्ष, एक्शन फॉर इंडिया, स्वरूप ने बेरिया, प्रिंसिपल ऑफ ओमिनी पार्टनर्स और गिरीश अवल्ली, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी, रूरल एग्री वेंचर्स का परिचय करवाया। इसके अलावा नवीन तकनीकी खोजों के बारे में बनाई गई जूरी के सदस्य डॉ. जोआना रॉसाकी, सहायक प्रोफेसर- आईओटी सिस्टम और एप्लीकेशन, राष्ट्रीय तकनीकी विश्वविद्यालय एथेंस, ग्रीस ने कहा कि सीआईआई एग्रोटेक-2016 कृषि जगत की चुनौतियों के बारे में छात्रों को उनके विचारों और सोच के शक्ति परीक्षण के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान कर रहा है।