By Tricitynews Reporter
Hisar 14th February:- वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर हिसार लोकसभा सहित प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की जर्जर हालत में सुधार करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की एक प्रति उन्होंने खेल एवं चिकित्सा मंत्री अनिल विज को भी भेजी है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि हिसार के सामान्य अस्पताल में ट्रामा सेंटर, वेंटिलेटर, सिटी स्कैन, एम.आर.आई., ब्लड प्लेटलेट्स के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाए, यहां सिर्फ एक अल्ट्रासाउंड मशीन हैख्, मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अल्ट्रासाउंड की एक और मशीन उपलब्ध करवाई जाए, यहां किसी भी न्यूरो सर्जन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। न्यूरो से संबंधित चिकित्सक नियुक्त किया जाए, यहां कुल 14 लैब टैक्निशियंस की जरूरत है, परंतु सिर्फ 4 लैब टैक्निशियंस हैं। इनकी संख्या पूरी की जाए, अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था, पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की जाए, किसी भी हादसे से निपटने के लिए अग्रिशमन यंत्र जो कि कई वर्षों से चालू ही नहीं किए गए, को तुरंत शुरू किया जाए। आदमपुर के मंडी आदमपुर के सामान्य अस्पताल में सभी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। आबादी के हिसाब से अस्पताल 50 बैड की बजाय 100 बैड का होना चाहिए। यहां पर न तो एस.एम.ओ. बैठता है और न ही दांतों का डॉक्टर, न हड्डियों का डॉक्टर है और न ही पूरा स्टाफ। पूरे अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर है। 9 डॉक्टरों की कमी है। एसएमओ, 2 स्वीपर, अकाउंटेंट तथा डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए व पुरानी जर्जर हो चुकी ईमारत की मरम्मत की जाए। हांसी के सामान्य अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। यहां सिर्फ चार डॉक्टर ही ड्यूटी पर है, जिसमें से एक आपातकाल के समय, एक के पास एसएमओ का चार्ज है। अल्ट्रासाउंड की मशीन, अन्य स्टाफ, पीने के पानी तथा सफाई की समुचित व्यवस्था की जाए। बरवाला के सामान्य अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन, एल.एम.ओ., महिला डॉक्टर, एम.डी. डॉक्टर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्वीपर, सुरक्षा गार्ड सहित अन्य स्टाफ की कमी है, जिसे जल्द पूरा किया जाए, मरीजों की ओपीडी को देखते हुए चार फार्मासिस्ट की जरूरत है। अभी यहां पर 2 फार्मासिस्ट की जरूरत है। उकलाना के सामान्य अस्पताल में डॉक्टर व अन्य स्टाफ की कमी है। दवाईयों, अल्ट्रासाउंड मशीन व अन्य उपकरणों की जरूरत है। यहां का सामान्य अस्पताल शहर से बहुत दूर है, जिसकी वजह से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसलिए इसको बस स्टैंड के आसपास स्थानांतरण किया जाए। बवानीख्खेड़ा के सामान्य अस्पताल में आवश्यक मशीनों सहित डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी है। स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की मशीनें उपलब्ध करवानी की जरूरत है। इसके अतिरिक्त यहां पर लैब की सुविधा की भी जरूरत है। आबादी के हिसाब से अस्पताल में तुरंत आवश्यक डॉक्टर, स्टाफ, दवाईयां व मशीनें तुरंत लगवाने की जरूरत है। उचाना के अस्पताल में कुल 14 डॉक्टरों की जरूरत है, सिर्फ 2 दो ही डॉक्टर हैं। कोई भी महिला डॉक्टर नहीं है, जिससे गर्भवती महिलाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक्सरे, ईसीजी, अल्ट्रासाउंड की मशीन नहीं है, अस्पताल को 50 बैड का बनाया जाए। अभी सिर्फ 30 बैड ही हैं, अस्पताल में जनरेटर की सुविधा नहीं है, सामान्य अस्ताल में सिर्फ 1 सफाई कर्मचारी है। दो कर्मचारी नियुक्त होने चाहिए, पीने के पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। आर.ओ. वाटर कूलर लगवाया जाए, एंबुलेंस के कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, 65 गांवों वाले उचाना हलके में सरकारी अस्पताल की ऐसी दयनीय स्थिति को तुरंत सुधारने की जरूरत है।
पत्र में कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि हिसार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में स्थित सरकारी अस्पतालों की हालत तो और भी दयनीय है। कई वर्षों से इन ग्रामीण अस्पतालों की सरकार ने सुध नहीं ली, जिसकी वजह से ज्यादातर ग्रामीण अस्पतालों की ईमारतें जहां जर्जर हो चुकी है, वहीं यहां पर आवश्यक स्टाफ, डॉक्टर, उपकरणों एवं दवाईयों की संख्ख्या नाममात्र की है। यही नहीं प्रदेश भर के अन्य क्षेत्रों में स्थित सरकारी अस्पतालों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि आगामी बजट सत्र के दौरान हिसार लोकसभ्भा सहित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों की कायाकल्प करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, जिससे गरीब मरीजों को सरकारी अस्पतालों में ईलाज मिल सके।
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