Monday 1 May 2017

मनुष्य को जीवन भर अच्छे कर्म तथा परोपकार की भावना से कार्य करते रहना चाहिए: आचार्य कैलाश

By Tricitynews Reporter
Chandigarh 01st May:- वैशाख मास  पावन अवसर पर 7 मई तक जारी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के उपलक्ष्य में भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। जो कि सैक्टर 41  स्थित श्री दुर्गा माता मंदिर से होती हुई कथा स्थल सेक्टर 37 सी स्थित भगवान परशुराम भवन में पहुंची। बैंड़ बाजों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं संकीर्तन मंडलियों के साथ यह कलश यात्रा जिन जिन मार्गों से होकर गुजरी वहाँ के लोगों ने यात्रा का स्वागत् किया। इस दौरान ट्राईसिटी की विभिन्न संकीर्तन मंडलियों ने कीर्तन भी किया। यह कलश यात्रा में कथा व्यास आचार्य कैलाश प्रसाद तथा पं. देवी प्रसाद पैन्यूली के सानिध्य में निकाली गई।
कलश यात्रा के मंदिर में पहुंचने पर श्री गणेश पूजन, वरूण पूजन, षोड्स मात्रिका पूजन, नवग्रह पूजन, पितृ पूजन, श्रीमद् भागवत व्यास पूजन, श्री लक्ष्मीनारायण पूजन अन्य पूजन विधि विधान से करने के पश्चात् ट्राईसिटी की विभिन्न महिला संकीर्तन मंडलियों  द्वारा संकीर्तन किया गया। 
जीवन भर करें अच्छे कार्य परोपकारी भावना मन में अनिवार्यश्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन कथा व्यास परम् पूज्यनीय आचार्य कैलाश प्रसाद ने श्रद्धालुओं को पंडित आत्मदेव उनकी पत्नी धुंधली देवी की कथा का रसपान करवाया और श्रद्धालुओं को इस कथा के माध्यम् से माता-पिता की सेवा, अच्छे कर्म करने, धर्म की रक्षा के महत्व को बताया।  उन्होनें श्रद्धालुओं को बताया कि मनुष्य को अच्छे कार्य तथा परोपकार की भावना से कार्य करते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से सभी पापों का नाश होता है। इस दौरान कथा व्यास द्वारा सुंदर भजन निकुंज में विराजे धनश्याम राधे राधे.. .. .. आदि जैसे कई संदुर भजन भी गाये जिसपर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो झूम उठे।
कार्यक्रमों का प्रारूपसेक्टर 37 सी स्थित भगवान परशुराम भवन में 1 मई से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के बारें में मंदिर के पुजारी पं. देवी प्रसाद पैन्यूली ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास आचार्य कैलाश प्रसाद दोपहर 3 बजे से 7 बजे तक श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत् महापुराण का अमृत पान करवायेगें जो कि 7 मई तक जारी रहेगें। उन्होनें बताया कि कथा के समापन दिन विशाल भंडारें भागवत पारायण एवं हवन प्रात: 7:30 से होगा। इस दिन कथा का समय सुबह 10:30 बजे निर्धारित किया गया है।


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