Monday, 17 July 2017

अशोक तंवर, किरण चौधरी तथा पर्यवेक्षक चरण दास महंत को विधान सभा परिसर में प्रवेश करने से रोका: हरियाणा कांग्रेस ने खट्टर सरकार की घोर निन्दा की

By Tricitynews Reporter
Chandigarh 17th July:- भारत के राष्ट्रपति पद के लिए आज हुए चुनावों में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक चरण दास महंत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री को हरियाणा विधान सभा परिसर में प्रवेश करने से रोकने पर डॉ. अशोक तंवर ने खट्टर सरकार की घोर निन्दा की है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार का यह रवैये राजनीतिक द्वेष को दर्शाता है और कहीं कहीं धांधली की शंका पैदा करता है। 
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक चरण दास महंत ने भारत के मुख्य निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिख कर खट्टर सरकार के इस षडय़ंत्रकारी फैसले के बारे में अवगत करवाया, जिसकी प्रतिलिपि हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी को भी प्रषित की गई है।
भारत के मुख्य चुनाव आयोग को लिखे शिकायत पत्र में कहा गया है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा एआईसीसी पर्यवेक्षक को विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है, जबकि विधान परिसर में कुछ अनधिकृत लोग विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने के लिए डरा रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि पिछले वर्ष हुए राज्य सभा चुनाव में भाजपा सरकार ने चुनाव अधिकारियों की मिलीभगत से पेन बदलकर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को हरवाया था कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कोई भी चुनाव हो सत्ता का दुरुपयोग और षडय़ंत्र करना भाजपा की नीति बन गई है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आज अन्य सभी राज्यों में संबंधित चुनाव आयोगों ने पीसीसी अध्यक्षों और एआईसीसी पर्यवेक्षकों को विधान सभा के परिसर में उपस्थित होने की अनुमति प्रदान कर रखी है। उन्होंने कहा कि अगर हम इतिहास देखें तो उससे पता चलता है कि राज्य की भाजपा सरकार की भूमिका कांग्रेस पार्टी के प्रति तानाशाही और नकारात्मक रही है जोकि पूर्णतया निंदनीय है।
पत्र में भारत के चुनाव आयोग से अनुरोध किया गया है कि ऐसा षडय़ंत्र रचने वाले लोगों को दंडित किया जाना चाहिए और यह भी सुनिश्चित किया जाये कि भविष्य में विपक्षी दलों के प्रति राजनीति से प्रेरित द्वेषपूर्ण भावना से की जाने वाली किसी भी कार्यवाही से खट्टर सरकार परहेज करे।

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