Photo By Parveen Kumar
By Tricitynews Reporter
Chandigarh 16th
November:- पंजाब एवं हरियाणा
हाइकोर्ट
के
सीनियर
अधिवक्ता
सत्य
देव
बंसल
ने
हरियाणा
के
मुख्यमंत्री
के
ओ
एस
डी
भूपेश्वर
दयाल
शर्मा,
स्टेट
रजिस्ट्रार
फर्म्स
एन्ड
सोसाइटी
वज़ीर
सिंह
और
श्री
कृष्णा
गौशाला
सकेतड़ी
के
पूर्व
प्रधान
रोशन
लाल
जिंदल
पर
पद
के
दुरुपयोग
के
गंभीर
आरोप
लगाए
है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब
में
आयोजित
पत्रकार
वार्ता
में
सीनियर
अधिवक्ता
सत्य
देव
बंसल
ने
बताया
कि
श्री
कृष्णा
गौशाला
के
संबंध
में
वे
स्टेट
रजिस्ट्रार
के
पास
गए
थे।
वहां
पर
स्टेट
रजिस्ट्रार
वज़ीर
सिंह
के
पास
जब
अपील
के
लिए
पेश
हुए
तो
उन्होंने
न
केवल
दुर्व्यवहार
किया,
बल्कि
अपने
कर्मचारियों
से
कहा
कि
इन
सबको
धक्के
मार
कर
बाहर
निकाल
दिया
जाए।
जब
ये
अपील
चल
रही
थी
तो
उसी
दौरान
वज़ीर
सिंह
को
ओ
एस
डी
भूपेश्वर
दयाल
शर्मा
व
रोशन
लाल
जिंदल
का
फ़ोन
आया
था।
जिसके
बाद
उन्होंने
उनके
साथ
बदतमीज़ी
से
न
केवल
बात
की
बल्कि
उल्टा
अलग
मामले
में
फ़साने
की
धमकी
दी।
सत्य
देव
बंसल
ने
आगे
बताया
कि
दरअसल
ये
अपील
नायाब
तहसीलदार
व
प्रशासक
गौशाला
रति
राम
को
हटाए
जाने
और
गौशाला
के
फिर
से चुनाव करवाये जाने
की
थी।
जिसकी
पेशी
को
लेकर
वे रजिस्ट्रार आफिस गए
थे।
रोशन लाल जिंदल
पर
पहले
से
ही
गौशाला
के
फण्ड
के
48 लाख
रुपये
के
दुरपयोग
के
आरोप
लग
चुके
है।
उन्होंने
बताया
कि
रोशन
लाल
जिंदल
पिछले
28 साल
से
प्रधान
पद
पर
काबिज
थे
और
पद
पर
ही
बने
रहना
चाहते
थे।
वो
नही
चाहते
थे
कि
इस
पद
पर
कोई
और
आये।
इसलिए
वो
कमेटी
के
अन्य
पधादिकारियों
के
कहने
पर
भी
न
तो
गौशाला
का
रजिस्ट्रेशन
करवा
रहे
थे
और
न
ही
चुनाव
करवा
रहे
थे।
क्योंकि
रोशन
लाल
जिंदल
अंदरखाते
अपने
पारिवारिक
सदस्यों
के
नाम
डाल
कर
गौशाला
को
रजिस्टर
करवाना
चाहता
था
और
इसे
अपनी
पारिवारिक
सम्पति
बनाना
चाहता
था।
21 मई
2017 को
कमेटी
ने
एक
अविश्वास
प्रस्ताव
पास
कर
इसे
प्रधान
पद
से
हटा
दिया।
तत्पश्चात
स्टेट
रजिस्ट्रार
वज़ीर
सिंह
ने
अपील
में
तहसीलदार
पंचकूला
वरिंदर
गिल
को
प्रशासक
नियुक्त
कर
दिया।
रोशन
लाल
जिंदल
ने
इसे
अपनी
फैमिली
के
सदस्यों
के
नाम
लिस्ट
में
डालने
को
कहा,
जब
वरिंदर
गिल
ने
ऐसा
करने
से
मना
कर
दिया।
तो
ओ
एस
डी
भूपेश्वर
दयाल
शर्मा
ने
अमित
जिंदल,
अशोक
जिंदल,
राजेश
जिंदल,
मुकेश
जिंदल
और
रोशन
लाल
जिंदल
के
नाम
डालने
के
लिए
वज़ीर
सिंह
को
बोल
कर
वरिंदर
गिल
को
हटवा
कर
बरवाला
के
नायाब
तहसीलदार
रतिराम
को
नियुक्त
करवा
दिया।
रतिराम
ने
18000 रुपये
प्रति
माह
के
हिसाब
से
एक
मैनेजर
धर्मपाल
पुनिया
नियुक्त
करवा
दिया।
रतिराम
गौशाला
के
पूर्व
मैनेजर
राजा
राम
से
एक
लाख
रुपये
मांगे।
रतिराम
के
खिलाफ
03 नवंबर
2017 को
माननीय
उच्च
न्यायालय
ने
14 दिन
के
अंदर
पुनः
चुनाव
करवाये
जाने
और
नायाब
तहसीलदार
रतिराम
को
हटा
कर
नया
प्रशासक
नियुक्त
किये
जाने
के
आदेश
जारी
किए।
रतिराम
ने
भूपेश्वर
दयाल
शर्मा
और
रोशन
लाल
जिंदल
के
कहने
पर
08 नवम्बर
2017 को
एक
जाली
लिस्ट
तैयार
जारी
कर
दी।
जिसमे
अमित
जिंदल,
अशोक
जिंदल,
मुकेश
जिंदल,
तरसेम
गुप्ता,
संजय
रंगुता,
प्रेम
बंसल
और
राजेश
जिंदल
इत्यादि
के
नाम
डाल
कर
28 मेम्बरों
की
लिस्ट
जारी
कर
दी।
जो
कि
कानूनन
25 मेंबर
है,
इसने
15 के
नाम
कटवा
कर
15 अपने
नाम
डलवा
लिए।
जब तहसीलदार को
जिला
रजिस्ट्रार
द्वारा
आदेश
दिखाए
गए
कि
इसमें
से
कुछ
नाम
रिकॉर्ड
में
नही
है
तो
तहसीलदार
ने
भी
गाली
गलौज
के
साथ
मारने
की
धमकी
दी।
रोशन लाल जिंदल
और
नायाब
तहसीलदार
ने
मिलकर
बैंक
की
पेमेंट
भी
बंद
करवा
दी
ताकि
गौशाला
न
चले
और
गाय
भूखी
मरे।
इस मौके पर
चंडीगढ़
भाजपा
के
पूर्व
अध्य्क्ष
धर्मपाल
गुप्ता,
अधिवक्ता
शक्तिपाल
शर्मा,
कार्यकारी
प्रधान
हरियाणा
प्रदेश
अग्गरवाल
वैश्य
सम्मेलन
कुलदीप
गर्ग,
मनोनीत
प्रधान
श्री
कृष्णा
गौशाला
चैरिटेबल
ट्रस्ट
कृष्ण
बंसल
और
श्री
कृष्णा
गौशाला
के
फाउंडर
ट्रस्टी
प्रेम
चंद
गुप्ता
इत्यादि
भी
मौजूद
थे।
वही जब इस
सम्बन्ध
में
रोशन
लाल
जिंदल
से
बात
की
गयी
तो
उन्होंने
अपने
ऊपर
लगे
सभी
आरोपों
को
निराधार
बताया
और
कहा
की
इन
तथ्यों
में
कोई
भी
सचाई
नहीं
है
।
उन्होंने
कहा
की
वो
क़ानून
का
सम्मान
करते
है
।
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