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Tricitynews
Chandigarh 26th October:- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हरियाणा दौरे से
बैकफुट पर आई खट्टर सरकार अब शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों की बात करने लगी
है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली में ऐतिहासिक काम करने वाले अरविंद
केजरीवाल ने अपनी रणनीति से हरियाणा सरकार को इन मुद्दों पर बात करने के लिए मजबूर
कर दिया है। आम आदमी पार्टी की तरफ से जारी किये गये एक बयान में कहा गया है कि
हरियाणा सरकार के 4 साल पूरे होने के मौके पर पंचकुला में मुख्यमंत्री मनोहर
लाल खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस करेगी, ये जनता को गुमराह करने के अलावा और कुछ भी नहीं है। सवाल
ये है कि अरविंद केजरीवाल के हरियाणा दौरे के बाद ही उन्हें ये बात समझ में क्यों
आई कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं पर फोकस करना उनकी जिम्मेदारी है।
आम आदमी
पार्टी की तरफ से जारी किये गये बयान के मुताबिक चार साल बीत
जाने के बाद अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जनता को गुमराह कर रहे
हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की हालत हरियाणा के स्कूलों-अस्पतालों
से भी बदतर थी लेकिन अरविंद केजरीवाल ने महज तीन साल में उनकी कायापलट करके दिखा
दिया कि अगर नीयत साफ हो और ईमानदारी से सरकार चलाई जाए तो असंभव से दिखने वाले
कामों को भी किया जा सकता है। लेकिन हरियाणा सरकार चार साल बीत जाने के बाद भी ऐसा
कुछ नहीं कर पाई। अब चुनाव सिर पर देखकर और अरविंद केजरीवाल के हरियाणा दौरे से
घबराई खट्टर सरकार ये दावे कर रही है कि अगले एक साल उसका फोकस शिक्षा और
स्वास्थ्य पर होगा, इस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।
आम आदमी
पार्टी की तरफ से जारी किये गये बयान में ये भी कहा गया है कि दिल्ली पूर्ण राज्य
नहीं है। केंद्र सरकार और वहां के उप-राज्यपाल की तरफ से तमाम अड़चनों के बाद
केजरीवाल ने दिल्ली में अनेक काम करके दिखा दिये, जबकि दूसरी तरफ से खट्टर के पास पूरी पावर है, केंद्र में भी उनकी सरकार है, राज्यपाल भी उनकी पार्टी के हैं, इसके बाद भी वो पूरी तरह फेल साबित हुए हैं।
आम आदमी
पार्टी ने आरोप लगाया है कि खट्टर सरकार ने पिछले चार साल के दौरान सिर्फ जाटों को
गैर-जाटों से लड़ाने की राजनीति की है। सरकार के पास विकास कार्यों को लेकर कोई
विजन नहीं है। ऐसे में अब शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस करने की बात हास्यास्पद
लगती है।
बयान में ये
भी कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल की रणनीति से खट्टर सरकार किस कदर डरी हुई है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा के
खस्ताहाल स्कूलों-अस्पतालों के दौरे की घोषणा होते ही दिन-रात मजदूर लगाकर उन
स्कूलों को दुरुस्त करने की कोशिश की गई जिन्हें देखने अरविंद केजरीवाल आने वाले
थे। हालांकि इतनी मेहनत के बाद भी उन स्कूलों के हालात में कोई खास बदलाव नहीं हो
पाए।
उल्लेखनीय
है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों के देखने के बाद हरियाणा के कुछ
लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करके उनसे अनुरोध किया
था कि वे आकर हरियाणा के स्कूल औऱ अस्पताल भी देख लें। इसके बाद अरविंद केजरीवाल
ने उप-मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन औऱ हरियाणा के प्रदेश
अध्यक्ष नवीन जयहिंद के साथ बेरी और तोशाम विधानसभा के कुछ स्कूलों का दौरा किया।
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