Saturday 10 November 2018

झूठे मामले में पुलिस ने फंसाया कुरुक्षेत्र के एक परिवार को: परिवार ने राज्य के मुख्यमंत्री से दखल दिए जाने की लगाई गुहार


By Tricitynews
Chandigarh 10th November:- कुरक्षेत्र निवासी एक परिवार ने अपनी दुखभरी आपबीती सुनाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से उन्हें इन्साफ दिलाये जाने की मांग की तथा उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने की भी गुहार लगायी है। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रैसवार्ता करते हुए कुरुक्षेत्र निवासी पवित्र सिंह ने बताया कि वो कुरुक्षेत्र में अपनी माता उर्मिल सिंह और भाई शिव शक्ति के साथ रहते है। उनके पिता गुरमेल सिंह( जो की हरियाणा पुलिस में कार्यरत थे, और बतौर ए एस आई रिटायर हुए थे)  का निधन हो चूका है।
पवित्र सिंह ने आगे बताया कि कुरुक्षेत्र पुलिस ने सरिता पत्नी जयपाल सिंह और जयपाल सिंह पिता जीत सिंह निवासी विकास नगर ,कुरक्षेत्र की झूठी शिकायत पर उन पर और उनके भाई शिव शक्ति पर मुकदमा दर्ज किया, और उन दोनों को पुलिस तंग-परेशान करने लगी।  उन्होंने ने इस मामले में उन्हें झूठा फंसाये जाने की दुहाई दी, और मामले में गहरायी से जांच किये जाने की अपील भी की। परन्तु हरियाणा पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी।
पवित्र सिंह ने कहा की वो एक पढ़ा लिखा नौजवान है और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना कर्रिएर बनाना चाहता है। पर सरिता और जयपाल ने एक साजिश के तहत उस पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया। क्योंकि उसके पास उन लोगों की हमारे परिवार के साथ लड़ाई और हाथापाई करते हुए का वीडियो बनाया हुआ था। जिस के बारे में पता चलने पर सरिता और जयपाल ने उसे वीडियो को उन्हें सौंपने के लिए खूब डराया धमकाया। लेकिन मेरे द्वारा उन्हें वीडियो न दिए जाने पर उन्होंने पुलिस से मिलीभगत कर उस पर और उसके भाई पर कई झूठे मुकदमा दर्ज़ करवा दिए।  इसके अलावा उन दोनों ने उनके पूरे परिवार को पूरी तरह से मानसिक रूप से परेशान कर रखा है।
पवित्र सिंह ने बताया कि अपने साथ हो रही ज्यादती के बारे में उन्होंने कुरक्षेत्र में पुलिस के कई आला अधिकारीयों तक इन्साफ की गुहार भी लगाई लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। अपनी सुनवाई  न होने से आहत होकर उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री को इस मामले में दखल देकर उनके पूरे परिवार को इस सारे मामले से पीछा छुड़ाए जाने की मांग की है । उन्होंने बताया की अब वो सब इतना टूट चुके है की उन्हें कोई रास्ता सुझाई नहीं दे रहा कि कहाँ जाए और किस से रहम की भीख मांगे।



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