By Samachar Digital News
Chandigarh 27th August:- बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते - कहते।
29.01.1971-27.8.1991
अभी कल की बात है शशि बाऊ जी...जब आप हमें छोड़ कर इस संसार से विदा हो गए...लेकिन आप प्यार की जो लौ जला कर गए हैं...वो इतने अर्से बाद भी इतनी तेज है कि आज भी हम उस लौ में जल रहे हैं।
आपका विक्की बाऊजी
फासला तो है मगर कोई फैसला नहीं।
मुझसे तुम जुदा नहीं, दिल से जुदा नहीं।।
मुझसे तुम जुदा नहीं, दिल से जुदा नहीं।।
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