By Tricitynews Reporter
Chandigarh
30th December:- हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने राज्य की खट्टर सरकार की खेल नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दो साल में खेल कोटे से राज्य के एक भी खिलाड़ी को रोजगार नहीं दिए जाने को शर्मनाक बताते हुए डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार खिलाडिय़ों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पदक विजेता खिलाडिय़ों को नदक पुरस्कार देने में भी सरकार ने देरी की। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने पदक विजेता खिलाडिय़ों को खेल नीति के तहत नौकरियां नहीं दी तो कांग्रेस उनके हकों के लिए आंदोलन करेगी।
अपने दो दिन के चंडीगढ़़ प्रवास के दौरान आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ देखने के बाद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि इस फिल्म में महावीर फौगाट के संघर्षपूर्ण जीवन का बखूबी प्रदर्शन किया गया है। यह फिल्म प्रदेशभर की बेटियों के लिए भी प्रेरणादायक साबित होगी। डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि राज्य की खट्टर सरकार नारा तो ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का देरी है लेकिन कॉमनवेल्थ गेम की पदक विजेता गीता फौगाट को अपने अधिकारों के लिए भी लम्बी लड़ाई लडऩी पड़ी।
उन्होंने कहा कि इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात क्या होगी कि गीता फौगाट को हरियाणा पुलिस में डीएसपी लगने के लिए भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। प्रदेश की खट्टर सरकार ने उसे डीएसपी नियुक्त भी किया तो हाईकोर्ट के आदेशों के बाद। इस घटना से यह बात साबित हो जाती है कि प्रदेश सरकार बेटियों का सम्मान करने की बजाय उन्हें अपमानित कर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर को दंगल फिल्म देखने के बाद ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के लिए अपनी पीठ थपथपाने का कोई अधिकार नहीं है।
डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि खेल नीति के तहत रोजगार हासिल करने के लिए 119 खिलाडिय़ों द्वारा आवेदन किया गया था लेकिन इनमें से 60 खिलाडिय़ों के आवेदन को सरकार ने बिना उनका पक्ष सुने ही रद्द कर दिया। वहीं 59 खिलाडिय़ों में से भी केवल आठ ही खिलाडिय़ों को क्लास-टू की नौकरी के काबिल माना है। कांग्रेस सरकार में कॉमनवेल्थ विजेता खिलाडिय़ों को सीधे डीएसपी भर्ती किया गया था लेकिन मौजूदा सरकार ने इन खेलों के पदक विजेताओं को भी तृतीय श्रेणी की नौकरी के लिए योग्य माना है। कांग्रेस खिलाडिय़ों के हक के लिए किसी भी संघर्ष के लिए तैयार है।
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