By Tricitynews Reporter
Chandigarh21st February:- केंद्रीय आर्य सभा द्वारा आयोजित महर्षि दयानंद जन्मोत्सव आर्य समाज सेक्टर 7 में धूमधाम से धूमधाम से सम्पन्न हो गया। इस मौके पर आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी ने कहा कि महर्षि दयानंद ने
सनातन परंपरा को अपनाया। सनातन वह है जो सदा से है। वह कभी विनाश नहीं होता। अनादिकाल से जो माननीय हो
उसका विनाश किसी काल में नहीं हो सकता है। आज ज्ञान सिकुड़ रहा है।
आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी ने कहा कि महर्षि दयानंद जी ने सत्यार्थ प्रकाश में केवल सत्यता पर ही प्रकाश डाला है। नवीन कल्पना चलाने का लेशमात्र भी उनका उद्देश्य नहीं था। वे तो समाज सुधारक थे। धर्म का मूल तत्व वेद हैं। वेद चक्षु हैं। वेद की आँख तो सदा रास्ता दिखाती है। महर्षि दयानंद जी ने आर्य समाज के दस नियमों में ईश्वर की वाणी को स्थान दिया है। वैदिक धर्म के मूल में आदिमूल परमेश्वर है। वही हमें जड़ों से जोड़ता है।
चंडीगढ़ से वैदिक प्रवक्ता विक्रम कुमार विवेकी और जम्मू से पधारी विदूषी प्रतिभा पुरन्धि ने भी उपस्थितजनों को संबोधित किया। कल्याण देव वेदी और राजेश वर्मा ने मधुर भजन पेश कर सबको आत्मविभोर कर दिया।
इस मौके पर विद्वानों को और शोभा यात्रा में बढ़िया झांकी प्रस्तुत करने के लिये डीएवी स्कूलों और आर्य समाजों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर रविंद्र तलवाड़, जस्टिस प्रीतम पाल, जस्टिस ए एल बाहरी, डॉ विनोद कुमार, प्रकाशचन्द्र शर्मा, धर्मवीर बत्रा, कर्नल धर्मवीर, आरसी जीवन, मधु बहल सहित सभी चंडीगढ़, पंचकूला, सूरजपुर, डेराबस्सी, मोहाली, कुराली, रोपड़ के डीएवी स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर्स और ट्राई सिटी आर्य समाजों के सदस्य भी मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment