Monday 14 November 2016

उत्तरांचल में पलायन की एक बडी समस्या: शंकराचार्य

By Tricitynews Reporter
Chandigarh 14th November:- उत्तरांचल उत्थान परिषद, द्वारा पलायन की समस्या पर करवाए गए प्रवासी पंचायत 2016  का शुभारंभ शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज द्वारा किया गया , उन्होने उत्तरांचल के प्रवासी लोगो को भगवान श्री राम जी के जीवन का एक उदाहरण देते हुए की लंका पर विजय प्राप्त करने के पश्चात लक्ष्मण के मन में एक भावना उत्पन्न हुई की अयोध्या में तो भरत राज कर रहे हैं ऐसे क्यों ने सोने की बनी लंका में ही रह जाएं। इस श्री राम ने कहा कि जननी और जन्मभूमि सबसे अहम होती है। उसे छोड़ पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी अयोध्या ही प्यारी है। उत्तरांचल के लोगों को जन्म भूमि का महत्व समझाते हुए गुरुजी ने कहा उत्तराखंड के लोग जहां भी हैं अत्यंत विश्वास पात्र हैं एवं बहुत मेहनती हैं और बहुत ही ईमानदार हैं किंतु उन्होंने देवभूमि से धीरे-धीरे अपना नाता तोड़ दिया है जिसकी गोद में खेल कर वह इस योग्य बने कि उन्होंने भिन्न भिन्न नगरों में रहते हुए बड़े-बड़े पदों में पहुंचे हैं और बड़े-बड़े कार्य कर रहे हैं जो की एक चिंता का विषय है। उत्तराखंड से बड़ी संख्या में हो रहा पलायन इस सदी का विकास और सुविधाओं के लिए यहां की आबादी के द्वारा अपनाया गया एक ऐतिहासिक मौन सत्याग्रह है राज्य बन जाने के बाद भी जब जीवन निर्वाह का मौलिक ढांचा यहां के समाज ने विशेषकर उच्च एवं मध्य हिमालय ग्रामों में विकसित होता हुआ नहीं देखा तो समाज ने पलायन के माल को अपनाने में ही अपनी भलाई समझी असंतुलित विकास के कारण उत्तराखंड की आवादी का लगभग 70 प्रतिशत भाग हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल तथा उधम सिंह नगर जैसे जिलों में आकर बस गया यह विस्थापन सीमांत प्रांत की सुरक्षा को भी संवेदनशील बनाता है। उत्तरांचल उत्थान परिषद द्वारा चंडीगढ़ में रह रहे चार प्रतिभाशाली लोगों को उत्तराखंड गौरव सम्मान से सुशोभित किया जिसमें कैप्टन भूपेंद्र सिंह जिन्होंने केदारनाथ आपदा के प्रथम साक्षी एवं सर्वप्रथम राहत एवं बचाव करने वाले एवं जिनके प्रयास से इस आपदा की प्रथम जानकारी सरकार को मिली पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इंदु तिवारी को उनके लेखन के लिए उन्हें सम्मानित किया गया। भगवान चंद जी को साहित्य एवं कला क्षेत्र  में कार्य के लिए सम्मानित किया। उत्तराखंड के प्रमुख  उद्योगपति एवं समाजसेवी अरविंद बलूनी  को उनके उत्तराखंड के ग्रामो के सुधार के लिए समानित किया


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