Friday, 5 May 2017

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ:जहां अभिमान होता है वहां भगवान नही होते हैं: आचार्य कैलाश प्रसाद


By Tricitynews Reporter
Chandigarh 05th May:- जहां अभिमान होता है वहां भगवान नही होते हैं। इंद्र को अभिमान तोडने के लिए ही उन्होंने गिरिराज पूजन करवाया। यह प्रवचन सेक्टर 37 सी स्थित भगवान परशुराम भवन  में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के दौरान कथा व्यास आचार्य कैलाश प्रसाद ने श्रद्धालुओं को दिये। उन्होंने श्रद्धालुओं को श्री गोवर्धन लीला का प्रसंग भी उन्होंने सुनाया और उसी परम्परा के अनुसार कथा स्थल पर गिरिराज पूजन हुआ। भगवान गोवर्धन का अभिषेक विधि विधान के साथ किया गया और उन्हें छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया। भजन गायक सतीश सिलमाना ने सुंदर भजन गाये जिसे सुन कर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो गये। 
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर चंडीगढ़ के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल ने मंदिर परिसर में अपनी हाजिरी दर्ज करवाई। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी मधु बंसल, प्रदीप छाबड़ा, मंदिर के पुजारी पं.देवी प्रसाद पैन्यूली, भजन गायक सतीश सिलमाना, मंडप आचार्य राजेन्द्र प्रसाद, भगत राम पैन्यूली, संजय शास्त्री, पं. ओम प्रकाश शास्त्री, पं. कांर्तिका प्रसाद, राजरानी, सुरदर्शन वासुदेव भी उपस्थित थे। इस दौरान पूर्व सांसद श्री पवन कुमार बंसल ने जगत्गुरू शंकराचार्य के परम् शिष्य बह्मचारी स्वामी निजानंद जी महाराज जी का आर्शीवाद भी प्राप्त किया।
उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान की करूणा में कमी नही है, कमी है तो हमारी पात्रता में। एक मात्र भगवान का चिंतन ही है जो हमारे बड़े से बड़ा बिगड़े से बिगडा काम सुधार जाता है। कथा व्यास आचार्य कैलाश प्रसाद ने और भगवान को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया। उन्होंने कथा में कालिया नाग की उद्धार कथा, इंद्र के अभिमान को खत्म करने के लिए भगवान ने अपनी कनिष्ठका उंगली के नाखून पर गोवर्धन पर्वत का उठाने की कथा, महारास लीला की कथा, भगवान का गुरूकु प्रवेश कथा का श्रवण करवाया। उन्होंने बताया कि भगवान उस व्यक्ति को धारण करते हैं जिसके अंदर छल कपट द्वेष भाव, पाखंड हो जो अंदर से बिल्कुल खाली हो। 
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव बड़ी श्रद्धापूर्वक मनायाभगवान परशुराम भवन  में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के दौरान आज यहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर एक ओर जहां श्रद्धालुओं ने भगवान के जन्म पर एक दूसरे को बधाई दी वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजमयी हो गया और श्रद्धालुओं ने खुशी में खूब नृत्य,कीर्तन किया। इस अवसर आयोजकों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर झाकियां भी प्रस्तुत की। जिसमें वासुदेव बने प्रकाश चंद्र रतूडी ने सिर पर टोकरी में बाल कृष्ण को उठाया हुआ था।  श्रद्धालुओं ने इस दौरान श्रद्धालुओं को तांता बाल कृष्ण बने नन्हें बालक को देखने के लिए लगा रहा। बाल कृष्ण बने नन्हें बालक पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की। और भगवान के जयकारे लगाये। कार्यक्रम के अंत में भव्य आरती की गई और सभी श्रद्धालुओं को  प्रसाद स्वरूप मिश्री माखन, टॉफियां और बिस्कु वितरित किया गया।



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