Thursday, 6 July 2017

हरियाणा कांग्रेस कमेटी ने बाबू जगजीवन राम जी को उनकी 31वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

By Tricitynews Reporter
Chandigarh 06th July:- रियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा बाबू जगजीवन राम जी को उनकी 31वीं पुण्यतिथि के अवसर पर याद किया गया। आज यहां चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तवंर की अध्यक्षता में एक समारोह आयोजित करके बाबू जगजीवन राम को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एस.सी. विभाग के प्रभारी अक्षय कुमार मोर्य तथा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एस.सी. विभाग के चेयरमैन ज्ञान सहोता ने भी समारोह में शिरकत की और उपस्थित कांग्रेसजनों को सम्बोधित किया।
डॉ. अशोक तवंर ने बाबू जगजीवन राम की फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बाबू जी की पहचान एक स्वतन्त्रता सेनानी, सच्चे नेता और सामाजिक न्याय के एक सच्चे योद्धा के तौर पर रही है। उनका जीवन देश में वंचित वर्ग के लिए सदैव एक प्रेरणा के तौर पर याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश को हरित क्रांति के जरिए आत्मनिर्भर बनाने में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है। जब देश को खाद्यान्न के मामले में आत्म निर्भर बनाने की बात चली तो उस समय के कृषि मंत्री बाबू जगजीवन राम थे और गांव की माटी में पले-पढ़े बाबू जी का अनुभव देश के काम आया।
उन्होंने बताया कि बाबू जी ने स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद देश की तरक्की के लिए अत्यंत सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। गांधी जी से प्रेरणा पाकर बाबूजी ने 1940 में अपनी गिरफ्तारी दी और रिहा होने के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन सत्याग्रह में सक्रिय रूप से भाग लिया। बाबूजी को कांग्रेस पार्टी द्वारा आरम्भ किए गए भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए 19 अगस्त, 1942 को उन्हें पुन: गिरफ्तार कर लिया गया। 
डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि बाबू जी को महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, चंद्रशेखर आजाद, मदन मोहन मालवीय तथा इंदिरा गांधी जैसे महान नेताओं के साथ काम करने का अवसर मिला। भारत-पाक युद्ध के दौरान ऐतिहासिक शिमला समझौते के समय भी देश के रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम ही थे। भारत की तरक्की और आत्म सम्मान से जुड़े इन अवसरों में बाबू जगजीवन राम की भूमिका से कभी इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपना सारा जीवन देश में दबे, कुचले, शोषितों को समर्पित रखा। उन्होंने कहा कि ऐसी महान विभूति को पुण्य तिथि के अवसर पर याद करना और जीवन में उनके आदर्शों को अपनाना ही बाबू जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर बोलते हुए अक्षय कुमार मोर्य ने बताया कि बाबू जगजीवन राम ने 1934 में कलकता में अखिल भारतीय रविदास महासभा और अखिल भारतीय दलित वर्ग लीग की स्थापना की और इन संगठनों के माध्यम से दलित वर्गों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल किया। उन्होंने बताया कि बाबूजी का विचार था कि दलित नेताओं को केवल समाज सुधार के लिए संघर्ष करना चाहिए बल्कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग भी करना चाहिए। बाबूजी ने ही 1935 में रांची में हेमंड आयोग के समक्ष उपस्थित होकर पहली बार दलितों के लिए मतदान के अधिकार की मांग की।
डॉ. अशोक तंवर तथा अक्षय कुमार मोर्य ने सभी साथियों से अपील की कि जिनको हरियाणा अथवा अन्य प्रदेशों में कोई भी विधायक या सांसद जानता हो तो उस सांसद अथवा विधायक को भारत के राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए की प्रत्याशी बाबू जगजीवन राम की श्रीमती मीरा कुमार के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध करें।





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