Friday 19 July 2019

पी जी आई कांटरैकट वरकरस और सफाई कर्मियों का पी जी आई प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन: पिछले 10 दिन से अपनी मांगों के समर्थन में दे रहे धरना


By Tricitynews
Chandigarh 19th July:- समान काम -समान वेतन, ई पी एफ व रैगुलराइजेशन की मांगों को लेकर पी.जी. आई कॉन्ट्रक्चुअल और सफाईकर्मियों ने पी जी आई प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए क्रमवार भूख हड़ताल कर रखी है। कर्मचारी पिछले 09 दिन से कर्मवार भूख हड़ताल पर बैठ रहे है। कर्मचारियों द्वारा ये भूख हड़ताल पी जी आई कांटरैकट युनियन व सफाई करमचारी युनियन के बैनर तले कियाजा रहा है। सैंकड़ो की संख्या में उपस्थित कर्मचारियों ने पी जी आई प्रशासन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी की।
दोनों युनियन के जनरल सचिव देवराज शिरी पाल ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर उनका यह संघर्ष पिछले 09 दिन से चल रहा है। संघर्ष कर रहे कर्मियों ने अपने स्वास्थ्य की चिंता किये वगैर की बारिश में भी पी जी आई प्रशासन के खिलाफ धरने में हिस्सा लिया। जबकि पी.जी.आई पुलिस प्रशासन ने वर्कर्स युनियन को बरसात के बावजूद टैंट लगाने की सुविधा तक नहीं लेने दी वर्कर्स ने अभी तक बिना लाइट पानी के धरना प्रदर्शन किया | युनियन ने चेताया कि बिना सुविधा के उनके संघर्ष में अगर कोई अनहोनी होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पी.जी.आई परशासन की होगी |
समान काम - समान वेतन,रैगुलराइजेशन 2013 से लायंस कंपनी दवारा वरकरों की .पी.एफ की गडबडी को सुधारना इतयादि युनियन की मुखय मांगे हैं |
यूनियन ने यह भी फैसला लिया कि जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं होती यह संघर्ष और धरना प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगी |
दोनों युनियन के परधानों संजीव कनौजिया सुंदर कुमार ने बताया कि काफी वर्षो से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रही है| भारत सरकार कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पी.जी.आई प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी | युनियन इस बार करो या मरो की रणनीति से आर या पार की लडाई के लिए संघर्षरत है |
पी.जी.आई कांटरकैट वरकरस युनियन के चेयरमैन अशविनी कुमार मुंजाल आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ के चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने वरकरों का हौसला बढाते हुए युनियन के प्रधानों अन्य पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि  मैडिकल टैकनियिशियन एसोसियेशन आल कॉन्ट्रक्चुअल कर्मचारी संघ उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। इस संघरष में युनियन को पी.जी.आई के अंदर बाहरी युनियनों का भरपूर समर्थन  मिल रहा है |

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