By Triictynews
Chandigarh 22nd July:-
बिजली विभाग के किये जा रहे निगमीकरण /निजीकरण के खिलाफ चण्डीगढ़
के बिजली कर्मचारियों का संघर्ष आज भी जारी रहा।
संघर्षो की कड़ी में यूनियन द्वारा आज बिजली दफ्तर, सैक्टर 18 के सामने रोष रैली
का आयोजन किया। रैली को यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, ध्यान सिंह, अमरीक सिंह,
पान सिंह, गुरमीत सिंह, दलेर सिंह, रणजीत सिंह, सुरेन्द्र गोयल, सुखविन्द्र सिंह, लखविन्द्र
सिंह, राम गोपाल, स्वर्ण सिंह, परमजीत सिंह, अमित ढ़ीगडा, नरिन्द्र कुमार, हरजिन्द्र
सिंह, कर्मजीत, प्रदीप शर्मा आदि यूनियन के पदाधिकारियों ने सम्बोंधित किया।
रैली
को सम्बोंधित करते हुए वक्ताओं ने दो दशक पहले शुरू किये गये आर्थिक सुधारों का जिक्र
करते हुए कहा कि तथाकथित सुधारों का हवाला देकर तथा बिजली क्षेत्र की वित्तीय हालत
सुधारने के नाम पर देश के बिजली बोर्डो को तोड़कर कारपोरेशन व कम्पनियां बना दी। जिसके
लिए करोड़ो रूपये अनुदान भी दिया गया। तथा इन कम्पनियों को बिजली की दरें बढाने की खुली
छुटृी भी दी गई। आज बिजली की दरों में भारी बढोतरी करने तथा जनता पर भारी टैक्स लगाने
के बावजूद जनता को सहूलियत नहीं दी गई फिर भी अविघटित बिजली बोर्डो का घाटा जो कुछ
करोड़ में था आज कई सौ करोड़ पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में एनरान कम्पनी का बिजली का
उत्पादन बीच में ही छोड देना, उडीसा में तुफान के बाद बिजली की आपूर्ति करने से मना
कर देना, आन्ध्र प्रदेश में बिजली की दरों में भारी बढोतरी के खिलाफ संघर्ष कर रहे
निर्दोष जनता पर गोली चलाकर मौत के घाट उतारना तथा बिजली की दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ
जनता का तीखा संघर्ष आदि इन नीतियों का दुषपरिणाम सामने है।
यूनियन
के पदाधिकारियों ने इन नीतियों के सीधे तौर पर फेल होने का जिक्र करते हुए कहा कि बोर्डो को तोडकर बनाये गये कार्पोरेशनों व कम्पनियों ने
अपना मुनाफा बढाने के लिए अपने आप को दिवालिया तक घोषित करने में भी हिचक नहीं दिखाई।
जनता की नाराजगी को देखते हुए केन्द्र सरकार को इन कम्पनियों को 1.90 लाख करोड़ का बेलआउट
पैकेज देना पडा है। हालात यहां तक पहुंच गये है कि पुणे व पांडीचेरी की सरकारो ने बिजली
की पॉरपोरेशनों को भंग कर इन्हें सरकार के अधीन ले लिया। इस लिये चण्डीगढ़ प्रशासन इन
सच्चाईयों से सबक लेकर निगमीकरण करने का प्रस्ताव रद्द करें। क्योंकि प्राईवेट कम्पनियों
का मकसद केवल और केवल मुनाफा कमाना है, बिजली बोर्डो को तोड़कर बनाए गये कारर्पोरेशनों
व कम्पनियों द्वारा बिजली के दाम बढ़ाकर जनता पर भारी बोझ डालने तथ बिजली क्षेत्र को
तबाह करने का हवाला देते हुए कहा कि चण्डीगढ़
प्रशासन बिजली क्षेत्र को अपने अधीन रखते हुए/ सही मायने में सुधार लागू कर जनता को
सस्ती व निर्विघ्न बिजली सप्लाई दे। यूनियन के पदोधिकारियों ने चण्डीगढ़ प्रशासन को
जोर देकर कहा कि प्रशासन निगमीकरण करने की बजाये विभाग में खाली पड़ी पोस्टों को भर
कर तथा स्टोर में सामान का प्रबंध कर जनता को निर्विघ्न बिजली आपूर्ति करना यकीनी बनायें।
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी की अगर सुचारू रूप से चल रहे बिजली विभाग को कॉरपोरेशन
में तबदील कर तहस-नहस करने की कोशिश की गई तो यूनियन लड़ीवार संघर्षो की कड़ी में सभी
कार्यालयों के सामने रोष प्रदर्शन कर 5 अगस्त को बिजली दफ्तर, सैक्टर 17 के सामने विशाल
रोष धरना देगी जिसमें अगले संघर्षो का ऐलान करेगी जिसमें क्लोनियों, सैक्टरों व मार्किट
में जत्था मार्च कर आम लोगो को जागरूक कर पर्चे वितरित किये जाएगे उसके बाद सभी राजनैतिक
पार्टीयों, ट्रेड यूनियनों, रैजींडेंट वेलफेयर ऐसोसिएशनो की मीटिंग बुलाकर सम्मेलन
का आयोजन किया जाएगा तथा सभी वर्गो को साथ में लेकर हड़ताल का आहवान भी किया जाएगा।
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